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संवाददाता – रामबाबू विश्वकर्मा

बांदा / फतेहगंज। पंचायत बरछा  डड़िया विकासखंड नरैनी की गौशाला के संबंध में शिकायत प्राप्त हुई थी कि प्रधान ने गोवंशों को एक निर्जन स्थान पर बंद रखा है तथा वहां पर पशुओं के खाने और पीने के लिए कोई व्यवस्था नहीं की गई है। इस शिकायत की जांच के लिए आज आकस्मिक रूप से बरछा डड़िया की गौशाला का निरीक्षण किया गया। निरीक्षण के समय नरैनी के खंड विकास अधिकारी तथा प्रभारी एडियो पंचायत उपस्थित थे। निरीक्षण के समय ग्राम पंचायत के प्रधान भी उपस्थित थे। इस गौशाला में 230 गोवंश संरक्षित किए गए हैं ।

समस्त गोवंश खूंटे से बंधे हुए थे तथा इस गौशाला के गोवंशों की देखरेख के लिए 6 केयर टेकर लगाए गए हैं। गौशाला में गेहूं का भूसा, कटिया, पुवाल, नमक, कपिला पशु आहार, चोकर, आदि तथा दवाइयां भी उपलब्ध पाई गई। समस्त रजिस्टर भी प्रस्तुत किए गए। केवल निरीक्षण का रजिस्टर उपलब्ध नहीं था। ग्राम प्रधान द्वारा बताया गया कि निरीक्षण रजिस्टर पशु चिकित्सा अधिकारी श्री लघु चंद्र अहिरवार के पास है। पशु स्वस्थ्य पाए गए तथा सात गायों के बछड़े भी वहां पर थे जो स्वास्थ्य स्थिति में थे। प्रथम दृश्टया देखने से यह आभास हुआ कि पशुओं के खिलाने पिलाने की व्यवस्था संतोषजनक है। केयरटेकर गौशाला पर लगातार उपस्थित रहते हैं तथा बंधे हुए पशुओं को खूंटे पर ही ले जाकर चारा पानी खिलाते हैं ।

इस गौशाला में टीकाकरण और इयर टैगिंग का कार्य संतोषजनक नहीं पाया गया। ग्राम प्रधान द्वारा यह भी बताया गया है कि पशु चिकित्सा अधिकारी नियमित रूप से गोवंशों की देखरेख के लिए नहीं आते हैं तथा उनकी गौशाला की कोई भी डिमांड अब तक प्रेषित नहीं की गई है। जिसके कारण गोवंशों के संरक्षण की व्यवस्था में परेशानियां आ रही है । पशु चिकित्सा अधिकारी को निर्देशित किया गया है कि वह अविलंब टैगिंग करते हुए डिमांड जनरेट करने की कार्यवाही करें।  इस कार्य की प्रगति को देखने के लिए नरैनी विकासखंड के खंड विकास अधिकारी श्री प्रमोद कुमार सिंह को भी कठोर निर्देश दिए गए हैं कि सभी गौशालाओं को नियमित रूप से संचालित कराते हुए धनराशि का प्रतिमाह भुगतान सुनिश्चित करायें ।

किसी भी स्थिति में अव्यवस्था होने पर पशु चिकित्सा अधिकारी और खंड विकास अधिकारी को उत्तरदाई माना जाएगा। मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी को भी निर्देशित किया गया है कि एक सप्ताह में इस गौशाला की डिमांड जनरेट करते हुए प्रत्येक दशा में भुगतान सुनिश्चित करायें , अन्यथा की स्थिति में उत्तरदायित्व निर्धारित करते हुए पशु चिकित्सा अधिकारी और सचिव पर कठोर कार्यवाही की जाएगी ।