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Up Kiran, Digital Desk: श्री ठाकुर बांके बिहारी मंदिर का वो तहखाना जो बीते पांच दशकों से बंद था, अब फिर से सुर्खियों में है। सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में गठित हाई पावर्ड कमेटी ने दूसरे दिन भी इस ऐतिहासिक तहखाने को खोलने की प्रक्रिया को अंजाम दिया। मंदिर में सुबह से ही श्रद्धालुओं की भीड़ और कड़े सुरक्षा इंतज़ाम देखे गए।

पहले दिन तहखाना खोलते समय जहां कुछ बर्तन, लकड़ी का एक सिंहासन और पुराने संदूक सामने आए थे, वहीं दूसरे दिन की जांच में तो और भी चौंकाने वाली चीजें देखने को मिलीं।

क्या मिला तहखाने में?

कमेटी ने तहखाने की जांच के दौरान हर वस्तु का फोटोग्राफिक डॉक्यूमेंटेशन किया और एक विस्तृत इन्वेंटरी लिस्ट भी तैयार की। इस प्रक्रिया के दौरान:

एक तिजोरी से 1942 के दो तांबे के सिक्के

दूसरी तिजोरी से पुराने दुर्लभ सिक्के

एक संदूक से तीन चांदी की छड़ें और एक सोने की छड़ी मिली, जिस पर गुलाल लगा हुआ था

कमेटी के सदस्य दिनेश गोस्वामी ने बताया कि तहखाने के नीचे बने एक और कमरे की भी जांच हुई, लेकिन वहां कुछ भी मूल्यवान नहीं पाया गया। अब तहखाना पूरी तरह से खाली घोषित कर दिया गया है।

खजाना तो मिला, लेकिन सवाल भी बाकी हैं

हालांकि तहखाने से कुछ ऐतिहासिक और कीमती चीजें सामने आई हैं, लेकिन कई सवालों ने भी जन्म लिया है। दिनेश गोस्वामी ने साफ कहा कि "तहखाना तो खुल गया, लेकिन सवाल ये है कि बाकी चीजें कहां गईं?" कुछ संदूक खाली मिले, तो कुछ में केवल सामान्य वस्तुएं। यह संदेह अब गहराता जा रहा है कि कहीं पहले ही किसी ने इन बेशकीमती चीजों को गायब तो नहीं कर दिया?

उन्होंने इस मामले की उच्च स्तरीय जांच की मांग की है और कहा है कि यह मुद्दा अगली बैठक में प्रमुखता से उठाया जाएगा।