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चक्रवात 'बिपोर्जॉय' आखिरकार गुरुवार शाम गुजरात के कच्छ जनपद के जाखो बंदरगाह से टकरा गया। 'लैंडफॉल' की शुरुआती प्रक्रिया के बाद उन्होंने रफ्तार पकड़नी शुरू की। कई जगहों पर पेड़ उखड़ गए और संपत्ति को भी नुकसान पहुंचा। चक्रवात की गति शुरू में 114-125 किमी प्रति घंटे थी और यह बढ़कर 140 किमी प्रति घंटे से अधिक हो जाएगी। आठ तटीय जिलों से करीब एक लाख नागरिकों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है।

बिपोर्जॉय राजस्थान की ओर जाएगी, ऐसे में राजस्थान प्रशासन ने भी तैयारी कर ली है। बिपरजय लैंडफॉल करने से पहले 10 दिनों तक समुद्र में रहने वाला सबसे लंबा चक्रवात बन गया है। 1975 में पिछला चक्रवात 9 दिनों के लिए समुद्र में था। उस समय हवा की गति 185 किलोमीटर प्रति घंटा थी। करीब 10 दिनों तक समुद्र में रहने के बाद चक्रवात बिपोर्जॉय गुजरात के तट से टकरा गया है। कच्छ क्षेत्र के मांडवी में 125 से 140 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चलीं और भारी बारिश हुई।

बचाव दल तैनात

एनडीआरएफ की 15 यूनिट और एसडीआरएफ की 12 यूनिट गुजरात में तैनात हैं। इसके साथ साथ सेना, वायुसेना और नौसेना के जवान बचाव कार्यों के लिए मुस्तैद थे।

सेना भी तैयार है

सेना ने भुज, जामनगर, गांधीधाम के साथ-साथ नलिया, द्वारका और मांडवी में 27 राहत इकाइयों को तैयार रखा है। वायुसेना ने वडोदरा, अहमदाबाद और दिल्ली में एक-एक हेलीकॉप्टर रखा है। नौसेना ने बचाव और राहत के लिए पनडुब्बियों और अच्छे तैराकों को तैनात किया है।
 

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