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नई दिल्ली। दिल्ली पुलिस और एनएसजी का कहना है कि गाजीपुर फूल मंडी से बरामद विस्फोटक इतना अधिक शक्तिशाली था कि अगर ब्लास्ट हो जाता तो लगभग 40 मीटर का एरिया तबाह हो जाता। अधिकारियों की मानें तो आरडीएक्स का वजन दो से तीन किलोग्राम था।

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खास बात यह है कि जिस स्कूटी में बम लगा था वह स्कूटी सीसीटीवी कैमरा नहीं कवर से दूर थी बताया जा रहा है कि इस बम को आरडीएक्स व अमोनियम नाइट्रेट से मिलाकर बनाया गया है और ये लोहे के तिकोने बॉक्स में रखा हुआ था। इस बम में आरडीएक्स के इस्तेमाल होने से लग रहा है कि यह आतंकी साजिश है। बम से सफेद सा पाउडर निकल रहा था। बताया जा रहा है बम होने की सूचना वहां फूल खरीदने आये अनुपम नाम के एक शख्स ने दी।

दरअसल, फूल खरीदकर अनुपम जब वापस जाने लगा तो उन्होंने एक स्कूटी पर बैग रखा देखा। इस पर अनुपम ने दुकानदारों से बैग के बारे में पूछा। दुकानदारों ने बैग की जानकारी होने से इनकार कर दिया। दुकानदार अनुपम से बोले की वह बैग को छोड़कर चला जाए, मगर अनुपम नहीं गए। उन्होंने इसकी जानकारी बीट अफसर को दी। जब बीट अफसर मौके पर पहुंचे तो उन्हें कुछ संदिग्ध लगा और उसने जिले के बम निरोधक दस्ते को मौके पर बुलाया। बम निरोधक दस्ते को भी बैग में संदिग्ध पदार्थ व बैटरी आदि दिखाई दी जिस पर दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल व एनएसजी की सूचना दी गई।

गाजीपुर में आईईडी(बम) मिलने के बाद देश व दिल्ली पुलिस के खुफिया विभाग पर सवाल उठने लगे हैं। हर वर्ष 26 जनवरी में मद्देनजर आतंकी वारदात व दहशतगर्दों के देश व दिल्ली में घुसने के इनपुट होते हैं, मगर इस बार दिल्ली पुलिस के खुफिया विभाग के पास इस तरह का कोई भी इनपुट नहीं मिला।

गनीमत यह रही कि बम फटा नहीं वरना ये बहुत बड़े पैमाने पर नुकसान कर सकता था। शुरुआती जांच के बाद इसे आतंकी वारदात बताया जा रहा है। अब दिल्ली पुलिस अधिकारी गाजीपुर फूलमंडी में बम मिलने को सुरक्षा में बहुत बड़ी चूक मान रहे हैं। वहीं सुरक्षा एजेंसियां भी इस बात को गंभीरता से ले रही है कि खुफिया विभाग से कैसे इतनी बड़ी चूक हो गई।

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