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Up Kiran, Digital Desk: बीते कुछ महीनों में निवेश बाज़ार में जबरदस्त उथल-पुथल देखी गई है। जहां एक ओर सोना एक बार फिर ₹1 लाख के पार पहुंच गया है, वहीं चांदी भी ऊंची उड़ान भर रही है। बिटकॉइन की बात करें तो वह लगातार नए कीर्तिमान स्थापित कर रहा है। ऐसे में आम निवेशक असमंजस में हैं क्या अभी निवेश करना सही रहेगा या जोखिम बहुत अधिक है?
इन्हीं सवालों के बीच ‘Rich Dad Poor Dad’ के चर्चित लेखक और वित्तीय रणनीतिकार रॉबर्ट कियोसाकी ने एक बार फिर चौंकाने वाली भविष्यवाणी की है। कियोसाकी का मानना है कि अब एक विशाल आर्थिक संकट बस दस्तक देने वाला है, जो न केवल शेयर बाजार को प्रभावित करेगा, बल्कि सोना, चांदी और क्रिप्टोकरेंसी जैसी सुरक्षित मानी जाने वाली संपत्तियां भी इसकी चपेट में आ सकती हैं।
संकट की आहट और "बबल फटने" की चेतावनी
सोशल मीडिया पर साझा किए गए एक ताजा पोस्ट में कियोसाकी ने दावा किया कि हम एक ऐसे दौर में प्रवेश कर रहे हैं, जहां प्रमुख वित्तीय "बबल्स"—जिनमें गोल्ड, सिल्वर और बिटकॉइन शामिल हैं—किसी भी वक्त फट सकते हैं। उन्होंने चेताया कि मौजूदा ऊंची कीमतें धोखा दे सकती हैं, और जल्द ही इन संपत्तियों की वैल्यू में भारी गिरावट देखने को मिल सकती है।
2025 को लेकर डरावनी भविष्यवाणी
यह पहली बार नहीं है जब कियोसाकी ने आर्थिक मंदी को लेकर चेतावनी दी हो। उन्होंने पहले भी यह कहा था कि साल 2025 वैश्विक वित्तीय प्रणाली के लिए विनाशकारी साबित हो सकता है। उनके मुताबिक इस संभावित संकट में $1.6 ट्रिलियन (करीब 137 लाख करोड़ रुपये) का नुकसान हो सकता है। उनका मानना है कि यह सिर्फ एक गिरावट नहीं, बल्कि दशकों का सबसे बड़ा आर्थिक धक्का हो सकता है।
कीमतों में गिरावट: डर या मौका?
हालांकि यह भविष्यवाणी डराने वाली लग सकती है, लेकिन कियोसाकी इसे अवसर की तरह देखते हैं। उनका तर्क है कि जब बाजार चरम पर होता है, तो वहां से नीचे आना तय होता है—और यही वो समय होता है जब समझदारी से निवेश करने वाले लोग बड़ी चाल चलते हैं। उनका कहना है कि जैसे ही सोना, चांदी और बिटकॉइन की कीमतों में गिरावट आती है, वह इन्हें खरीदने का सबसे सही मौका होगा।
बचत नहीं, निवेश है भविष्य
कियोसाकी हमेशा से पारंपरिक बचत योजनाओं के खिलाफ रहे हैं। उन्होंने एक बार फिर दोहराया कि सिर्फ पैसा बचाकर रखने से कुछ हासिल नहीं होगा। इसके बजाय लोगों को "हार्ड एसेट्स"—जैसे सोना, चांदी और क्रिप्टोकरेंसी में निवेश करने पर ध्यान देना चाहिए। उनके अनुसार जब संकट आता है, तो यही संपत्तियां असली सुरक्षा प्रदान करती हैं।
अमेरिका की नीतियों पर सीधा हमला
कियोसाकी ने अमेरिका को "दुनिया का सबसे बड़ा कर्जदार" करार देते हुए उसकी मौद्रिक नीतियों की भी आलोचना की। उन्होंने कहा कि फेडरल रिजर्व की विफल नीतियों के चलते ही यह भयावह स्थिति उत्पन्न हुई है। उनका विश्वास है कि अमेरिका में जो आर्थिक झटका आने वाला है, उसका असर पूरी दुनिया की अर्थव्यवस्था पर पड़ेगा।
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