गैरसैंण पर और बढ़त लेने की भाजपा की तैयारी 

img
देहरादून। त्रिवेंद्र सरकार एक बार फिर गैरसैंण जा रही है। बजट सत्र के जरिए त्रिवेंद्र सरकार गैरसैंण पर अपनी बढ़त को और बढ़ाने की तैयारी में है। साथ ही यह कोशिश भी होगी कि इस सत्र के बहाने गैरसैंण से भाजपा अपने मजबूत रिश्ते का संदेश भी जनता को दे, ताकि 2022 के विधानसभा चुनाव में उसे इसका लाभ मिल सके। इसके अलग गैरसैंण पर अपने पूर्ववर्ती फैसलों का लाभ न उठा पाने से कांग्रेस बेचैन है। वह समझ नहीं पा रही है कि किस तरह से वह इस स्थिति से बाहर निकल पाए।
Garsain and Trivendra Singh Rawat

त्रिवेंद्र सरकार के आखिरी बजट सत्र पर मुहर लगी

गैरसैंण-भराड़ीसैंण में त्रिवेंद्र सरकार के आखिरी बजट सत्र पर मुहर लग चुकी है। सिर्फ तारीखों का ऐलान बाकी है। माना जा रहा है कि फरवरी के आखिरी सप्ताह में यह सत्र आयोजित होगा। पिछले वर्ष गैरसैंण के विधानसभा सत्र में ही सरकार ने ग्रीष्मकालीन राजधानी का साहसिक फैसला किया था। इससे पहले कांग्रेस की हरीश रावत सरकार ने भले ही गैरसैंण को लेकर कई अहम निर्णय लिए, लेकिन राजधानी के सवाल पर वह कुछ तय नहीं कर पाई।

ग्रीष्मकालीन राजधानी का ऐलान

 गैरसैंण को स्थायी राजधानी बनाने की लगातार मांग के बीच त्रिवेंद्र सरकार ने जब ग्रीष्मकालीन राजधानी का ऐलान किया, तो राजधानी के सवाल पर नए सिरे से बहस छिड़ गई। विपक्ष ने भले ही स्थायी राजधानी की बात करते हुए सरकार की घेराबंदी की कोशिश की, लेकिन त्रिवेंद्र सरकार के इस कदम को उत्तराखंडी जनमानस का समर्थन मिला। और तो और राज्य आंदोलनकारियों के एक बडे़ वर्ग ने भी अप्रत्याशित तौर पर इस कदम को सकारात्मक रूप में लिया। इस वर्ग से जुडे़ आंदोलनकारियों का कहना था कि ग्रीष्मकालीन राजधानी का कदम स्थायी राजधानी के लिए ही उठाया गया है। ग्रीष्मकालीन राजधानी के तौर पर आधी लड़ाई जीती जा चुकी है और जल्द ही पूरी लड़ाई जीत ली जाएगी।
इन स्थितियों के बीच, विधानसभा चुनाव की तरफ बढ़ती भाजपा और उसकी सरकार गैरसैंण में आखिरी बजट सत्र के जरिये ठोस संदेश देने की तैयारी में है। संदेश ये ही कि उत्तराखंड के पर्वतीय क्षेत्रों के विकास के लिए चाहे ग्रीष्मकालीन राजधानी का फैसला हो या अन्य कई बातें, सरकार मजबूती से आगे बढे़गी। दरअसल, पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार के जमाने में गैरसैंण में कैबिनेट और विधानसभा सत्र के आयोजन की शुरुआत हुई। हरीश रावत सरकार ने तो गैरसैंण विकास परिषद ही बना डाली, लेकिन राजधानी के सवाल पर हिचक ने कांग्रेस को इस पूरे मामले में पीछे कर दिया। त्रिवेंद्र सरकार ने ग्रीष्मकालीन राजधानी को अपनी बड़ी उपलब्धि के तौर पर प्रचारित करना शुरू कर दिया है।

सियासी लाभ लेने के लिए पूरी तरह तैयार

विधानसभा चुनाव में भाजपा इसका सियासी लाभ लेने के लिए पूरी तरह तैयार है। आखिरी बजट सत्र के दौरान गैरसैंण-भराड़ीसैंण की धरती से बडे़ फैसलों का ऐलान करके सरकार गैरसैंण पर अपनी बढ़त को और आगे ले जाने की कोशिश भी करेगी। शासकीय प्रवक्ता मदन कौशिक का कहना है कि गैरसैंण पर्वतीय जनभावनाओं का प्रतीक है, जिसका भाजपा और सरकार ने सम्मान किया है। दूसरी तरफ, कांग्रेस के प्रदेश महामंत्री नवीन जोशी का कहना है कि गैरसैंण पर भाजपा सरकार लोगों को सिर्फ गुमराह कर रही है।
Related News