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लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी अपनी दायित्वों के प्रति सदैव सक्रिय हरें है, इसमें को दोराय की बात नहीं है। मामला अपराध को लेकर हो या फिर अन्य किसी मामले को लेकर हो। और अब एक और बड़े घोटाले पर अंकुश लगाने के लिए शख्त निर्देश जारी जरी कर दिये हैं।

 

जी हां उन्होेंने संविधान दिवस की 70वीं वर्षगांठ पर बुलाए गए विधानमंडल के विशेष सत्र में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दोनों सदनों में सरकार की घेराबंदी में जुटे विपक्ष को चर्चा के माध्यम से करारा जवाब दिया। विधान परिषद में उन्होंने बिजली विभाग में हुए भविष्य निधि घोटाले के लिए अखिलेश सरकार को कठघरे में खड़ा किया।

उन्होंने यह भी कहा की, कहा कि इसकी शुरुआत दिसंबर 2016 में की गई थी। सवाल किया कि पावर कारपोरेशन के प्रबंध निदेशक के कार्यकाल को कौन सरकार बिना कैबिनेट की मंजूरी के बढ़ा रही थी? पीएफ घोटाले का मास्टरमाइंड पिछली सरकार का सबसे प्रिय अफसर था जिसे हमनें जेल में ठूंसा है।

 

कहा कि 1952 में बाबा साहब की असहमति के बावजूद अनुच्छेद 370 जोड़ा गया था। तब आम्बेडकर ने कहा था कि यह कश्मीर के लिए विषबेल साबित होगी, लेकिन तत्कालीन सरकार ने इस पर ध्यान नहीं दिया। देश की 563 रियासतों को एक छतरी के नीचे लाने वाले सरदार पटेल के सहायक वी.शंकर ने अपनी किताब में लिखा है कि लौहपुरुष ने कहा था कि अनुच्छेद 370 में कोई दम नहीं है।

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