नई दिल्ली ।। मोदी सरकार के वित्त मंत्री अरुण जेटली गत वर्ष 2018-19 में पेश किए गए बजट प्रस्ताव में प्रोविडेंट फंड अधिनियम को समाप्त करने जा रहे हैं। जानकारों की माने तो केंद्र सरकार के इस कदम से आम जनता को बहुत बड़ा झटका लग सकता है।
वित्तीय विधेयक 2018 में सरकार बचत प्रमाणपत्र अधिनियम-1959 और PPF अधिनियम 1968 को खत्म किए जाने का प्रस्ताव है। इन अधिनियमों से जुड़ी बचत योजनाओं को गवर्नमेंट सेविंग्स बैंक एक्ट-1873 में शामिल किया जाएगा। इसके लिए इस एक्ट में नए प्रावधानों को शामिल किया जाएगा।
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मोदी सरकार ने स्पष्ट किया है कि वित्त विधेयक में PPF एक्ट को समाप्त करने के प्रावधान से पूर्व में इन बचत योजनाओं में किए गए निवेश पर कोई परेशानी नहीं आएगी। इसके साथ ही दस प्रमुख बचत योजनाएं भी बचत खाते में तब्दील हो जाएंगी।
या ये भी कहा जा सकता है कि PPF अधिनियम के समाप्त हो जाने से समुचित ब्याज का लाभ उन लोगों को भी नहीं मिल पाएगा जो नया निवेश करेंगे। सभी नए निवेश गवर्नमेंट सेविंग्स बैंक एक्ट के तहत होंगे।
फोटोः फाइल
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