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नई दिल्ली ।। राहुल गांधी के कांग्रेस अध्यक्ष बनने के बाद नेताओं को जमीन पर राजनीतिक रणनीति का असर दिखने लगा है। गुजरात विधानसभा चुनाव में सीटों की बढ़ोत्तरी के बाद राजस्थान के उप-चुनाव में मिली सफलता ने BJP को बेचैन कर दिया है।
भारत के 19 राज्यों में सरकार चला रही दुनिया की सबसे बड़ी राजनीतिक पार्टी BJP के विजय रथ का कांग्रेस रोकने की जद्दोजहद कर रही है। BJP ‘कांग्रेस मुक्त भारत’ के नारे के साथ आगे बढ़ने की कवायद में है।
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साल 2014 के चुनाव के बाद से कांग्रेस हाशिए पर गई थी। ऐसे में दौर में कांग्रेस की कमान राहुल गांधी ने अपने हाथों में ली है। कई चुनावों में हार का सामना करने के बाद राहुल गांधी ने समझ लिया था कि BJP से निपटने के लिए पार्टी नेताओं को जमीन पर उतारना होगा।
बिना इसके पार्टी का कायाकल्प नहीं हो सकता। ऐसे में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल ने अपना पूरा ध्यान राजस्थान में पार्टी की कमान सचिन पायलट एवं गुजरात में अशोक गहलोत को जिम्मेदारी देकर कांग्रेस को जमीनी स्तर पर मजबूत करने पर लगाया।
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आपको बता दें कि सचिन पायलट को जब राजस्थान में पार्टी की कमान मिली थी, तो उस समय कांग्रेस के महज 21 विधायक थे। विधानसभा चुनाव में हार के बाद लोकसभा में राज्य से पूरी तरह से पार्टी का सफाया हो गया था।
ऐसे हाशिए पर खड़ी कांग्रेस को पायलट ने जिंदा करने के लिए कड़ी मेहनत की। किसानों के मुद्दे से लेकर वसुंधरा राजे सरकार के खिलाफ सड़क पर उतरे और पार्टी संगठन को मजबूत किया।