मुंबई। मुंबई के एक मशहूर सरकारी अस्पताल सर जमशेदजी जीजीभोय अस्पताल के नीचे एक सुरंग मिली है। इस सुरंग को लेकर शहर भर में चर्चाओं का बाजर गर्मं है। ये सुरंग ब्रिटिश काल की है। कहा जा रहा है कि ये सुरंग लगभग 130 साल पुरानी है और ये अंग्रेजों द्वारा निर्मित कराई गई थी।
बताया जा रहा है कि अस्पताल के डॉ अरुण राठौड़ जब अस्पताल परिसर में टहल रहे थे तो एक दीवार पर छेद देखकर वे चौंक गए और उन्हें सुरंग होने का संकेत मिला। कहा जा रहा है कि सर जेजे अस्पताल का पुरातत्व विभाग इसकी एक रिपोर्ट तैयार कर स्थानीय प्रशासन को देगा। अस्पताल के लोगों की माने तो सर जेजे अस्पताल की सुरंग डिलीवरी वार्ड से लेकर बच्चों के वार्ड तक जा रही है।
175 साल पुराना है जेजे अस्पताल का इतिहास
मुंबई का जेजे अस्पताल करीव 175 साल पुराना है। ये हॉस्पिटल सिर्फ महाराष्ट्र में ही नहीं बल्कि देश भर में प्रसिद्ध है। यह अस्पताल देशभर के गरीब मरीजों के इलाज के लिए जाना जाता है। बताया जाता है कि इस अस्पताल में बम धमाकों, दंगों और आतंकवादी हमलों में घायल हुए कई मरीजों का भी इलाज किया जा चुका है। अंडरवर्ल्ड ने इस अस्पताल में खूब खून-खराबा भी किया था।
बताया जाता है कि सर जेजे अस्पताल की इमारतें 177 साल पहले बनी थीं। इसका निर्माण सर जमशेदजी जीजीभोय और सर रॉबर्ट ग्रांट के सहयोग से किया गया है। जमशेदजी जीजीभोय ने 16 मार्च, 1838 को इस भवन के निर्माण के लिए एक लाख रुपये का दान दिया था। इसके बाद 30 मार्च 1843 को ग्रांट मेडिकल कॉलेज की नींव रखी गई और निर्माण के बाद 15 मई 1845 को मेडिकल छात्रों और मरीजों के लिए ग्रांट मेडिकल कॉलेज और सर जमशेदजी जीजीभोय अस्पताल की ओपनिंग की गई थी।
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