Burning City: झारखंड के धनबाद जिले में मौजूद झरिया एक ऐसा शहर है, जो बीते 100 सालों से आग की चपेट में है। ये क्षेत्र भारत के प्रमुख कोयला खनन स्थलों में से एक माना जाता है और इसे उच्च गुणवत्ता वाले कोकिंग कोल के लिए जाना जाता है। झरिया की खदानों में आग 1916 में अवैज्ञानिक खनन विधियों के कारण लगी, जिससे कोयला हवा के संपर्क में आकर जलने लगा।
ये आग धीरे-धीरे भूमिगत खदानों में फैल गई है, जिससे क्षेत्र की स्थिरता प्रभावित हुई है और भूस्खलन की घटनाएं बढ़ गई हैं। स्थानीय निवासियों के लिए स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं जैसे अस्थमा और फेफड़ों के संक्रमण आम हो गई हैं। जमीन के नीचे जलते कोयले के कारण तापमान अत्यधिक बढ़ गया है, जिससे धुआं और जहरीली गैसें बाहर निकल रही हैं।
सरकार ने झरिया की आग को बुझाने के लिए कई प्रयास किए हैं, मगर अब तक कोई स्थाई समाधान नहीं मिल पाया है। झरिया पुनर्वास योजना के तहत कुछ परिवारों को स्थानांतरित करने का प्रयास किया गया है, मगर आग को पूरी तरह से नियंत्रित करना एक बड़ी चुनौती बनी हुई है। भविष्य में झरिया की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सामूहिक प्रयासों की आवश्यकता है।
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