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Business News: भारत में जस्ते की खपत तेजी से बढ़ने की उम्मीद है, जिससे अगले आने वाले 12-13 वर्षों में ये 11 लाख टन से बढ़कर 20 लाख टन के आंकड़े को पार कर सकती है। अंतरराष्ट्रीय जिंक यूनियन (IZA) के अनुसार, भारत में जस्ते की बढ़ती मांग ने इसे अन्य धातुओं, जैसे पीतल, सिल्वर और एल्युमीनियम के साथ एक अहम धातु बना दिया है।

IZA के कार्यकारी निदेशक एंड्रयू ग्रीन ने कहा कि भारत में जस्ते की मांग वर्तमान उत्पादन से अधिक है, और यह वैश्विक औसत की तुलना में काफी कम है। अगर हम वैश्विक स्तर पर जस्ते की प्रति व्यक्ति खपत देखें, तो भारत की खपत चार से पांच गुना कम है।

जस्ते का उपयोग विभिन्न उद्योगों में होता है, जैसे कि मिश्र धातुओं, पेंट, रबर, कॉस्मेटिक्स, दवाइयां और इलेक्ट्रिकल उपकरणों में। इसकी कीमत वर्तमान में 270 रुपये प्रति किलोग्राम है।

कार्यकारी निदेशक ने ये भी बताया कि ऑटोमोटिव क्षेत्र में जस्ते के इस्तेमाल को बढ़ाने की आवश्यकता है। जबकि वैश्विक स्तर पर लगभग 90-95% गैल्वनाइज्ड स्टील का उपयोग होता है, भारत में यह आंकड़ा केवल 23% है। इससे स्पष्ट होता है कि भारत में जस्ते की खपत को बढ़ाने की बड़ी संभावनाएं हैं।

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