यूपी के गोरखपुर के जाने-माने व्यवसायी मनीष गुप्ता की हत्या के मामले में सीबीआई (Cbi) की फोरेंसिक टीम ने आज घटना क्रम को दोहराया है। सीबीआई की रिपोर्ट में कहा गया है कि मनीष गुप्ता को एक पुलिस अधिकारी ने लात मारी जिसके बाद उनका सिर बेड के हेडबोर्ड से लगा और वह जमीन पर गिर गए। इसके बाद उसकी नाक से ब्लड आने लगा। उपचार से पहले गुप्ता की मृत्यु हो गई।
केस की जांच कर रही (Cbi) टीम ने फोरेंसिक विशेषज्ञों की मौजूदगी में घटनाक्रम का विश्लेषण करने के बाद रिपोर्ट तैयार की। सीन के एंटरटेनमेंट के दौरान मनीष गुप्ता के दो मित्र प्रदीप चौहान और हरदीप चौहान भी मौजूद थे। घटना के दिन दोनों होटल के कमरे में मौजूद थे। मनोरंजन के बाद सीन को पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट से जोड़ दिया गया।
Cbi जांच टीम ने दो नवंबर को छह पुलिसकर्मियों के विरूद्ध हत्या का केस दर्ज किया था। इनमें रामगढ़ ताल के निरीक्षक जेएन सिंह, फलमंडी थाना प्रभारी अक्षय मिश्रा, उपनिरीक्षक विजय यादव समेत तीन अन्य पुलिसकर्मी शामिल हैं। सभी पर एक होटल के कमरे में जबरन घुसने का आरोप है जहां बिजनेसमैन मनीष गुप्ता अपने दो दोस्तों के साथ ठहरे हुए थे। पुलिस अधिकारियों ने तीनों से पहचान पत्र मांगा, जिस पर कहासुनी हो गई।
पुलिस ने गुप्ता और उसके दो दोस्तों पर भी हमला किया। इल्जाम है कि पुलिस ने गुप्ता के दोस्तों को जबरन कमरे से बाहर निकाला और फिर लात मार दी। यह घातक साबित हुआ और बाद में मनीष गुप्ता की मृत्यु हो गई। इस मुद्दे को लेकर राज्य में काफी बवाल भी हुआ था।
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