उज्जैन में मासूम से हुई दरिंदगी ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है। खून से लतपत बच्ची ने आठ घंटे तक सहायता की गुहार लगाई। लोगो के दरवाजे भी खटखटाया मगर किसी ने उस बच्ची की मदद नहीं की। बच्ची की सहायता नहीं करने वालो पर लोगों का आक्रोश है।
बताया जा रहा है कि बाल यौन शोषण विरोधी कानूनों के अंतर्गत ऐसे लोगों पर आरोप तय किए जा सकते हैं। दरअसल बच्ची की सहायता नहीं करने वाले लोगो पर पॉक्सो एक्ट के तहत एमपी पुलिस एक्शन ले सकती है।
वहीं महाकाल पुलिस स्टेशन के इंचार्ज अजय कुमार ने ताजा अपडेट दिया है। उन्होंने बताया कि मुख्य आरोपी का फिलहाल उपचार चल रहा है।
पुलिस ने ये भी सूचना दी है कि पीड़िता मानसिक रूप से कमजोर है। वो सतना के जैतवारा थाना क्षेत्र की रहने वाली है। वो 24 सितम्बर को घर से निकली थी। उसने परिजनों को बताया था कि वो कोई परीक्षा देने जा रही है। पीड़िता 8वी कक्षा में पढ़ती है। जिन युवतियों के साथ वो स्कूल गयी थी वे सभी परीक्षा दे रही थी। उस दौरान बच्ची बस में बैठकर जैतवारा चली गई और फिर यहां से उज्जैन पहुँच गयी। जब वो बहुत वक्त तक घर नहीं लौटी तो उसके दादा ने 25 सितंबर को जैतवारा थाना पुलिस स्टेशन में गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई।
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