अपनी आजादी की 60वीं वर्षगांठ पर खूबसूरत राज्य गोवा में बिखरी छटा और शुरू हुआ जश्न

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आज हम जिस राज्य की बात करेंगे उसकी सुंदरता देश ही नहीं बल्कि विदेशों तक प्रसिद्ध है । इस छोटे से राज्य का नाम सुनते ही पर्यटक रोमांचक होने लगते हैं । जी हां हम बात कर रहे हैं गोवा की । गोवा आज अपना 60वां मुक्त दिवस (स्वतंत्रता दिवस) धूमधाम के साथ मना रहा है ‌।

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भारत में एक यही ऐसा राज्य है जो अपने ‘समुद्र के बीचों’ के लिए दुनिया भर में जाना जाता है । हर वर्ष यहां देश और विदेश से लाखों सैलानी आते हैं । इसी वर्ष फरवरी महीने में जब अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप भारत आए थे तब भी उन्होंने गोवा की जमकर तारीफ की थी । आइए बात करते हैं गोवा की स्वतंत्रता दिवस को लेकर।

गोवा उस वक्‍त पुर्तगाल के अधीन था, जब 15 अगस्‍त 1947 को भारत ब्रिटिश उपनिवेशवाद से आजाद हुआ था। बता दें कि भारत को आजादी मिलने के 14 साल बाद गोवा को पुर्तगाली शासन से आजादी मिल सकी थी । गोवा को भारतीय सशस्त्र बलों ने संयुक्त कार्रवाई कर आजाद कराया था। इसकी वजह यह थी कि बार-बार चेतावनी देने के बावजूद पुर्तगाली गोवा को छोड़ने को तैयार नहीं थे।

ऐसे में सैन्य कार्रवाई करनी पड़ी। इसके बाद भारतीय सेनाओं ने 19 दिसंबर 1961 को ‘ऑपरेशन विजय’ के तहत पुर्तगालियों को गोवा से जाने पर मजबूर कर दिया। इसी ऐतिहासिक घटना के सम्मान में हर साल 19 दिसंबर को गोवा मुक्ति दिवस मनाया जाता है।

इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गोवा के लोगों को राज्य की आजादी की 60वीं वर्षगांठ पर बधाई दी है। दूसरी ओर राज्य के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने भी लोगों को शुभकामनाएं दी हैं ।

450 साल के बाद पुर्तगाल से गोवा को मिली थी आजादी

बता दें कि 450 वर्ष के बाद पुर्तगालियों से गोवा को आजादी मिली थी । 1510 में अलफांसो-द-अल्बुकर्क के नेतृत्व में गोवा पर पुर्तगालियों का पहला आक्रमण किया गया था। इसके बाद यह पुर्तगालियों के कब्जे में आ गया।

बाद में पुर्तगालियों को गोवा से खदेड़ने के लिए भारत के यूसुफ आदिल खां ने उन पर हमला किया। इससे पुर्तगाली घबरा गए और भाग गए। हालांकि अल्बुकर्क ने इस पर फिर से कब्जा जमा लिया था। 1809 से 1815 के बीच नेपोलियन बोनापार्ट ने पुर्तगाल पर कब्जा किया। इसके बाद 1947 तक गोवा अंग्रेजों के अधीन रहा। इस तरह उस समय यह क्षेत्र अंग्रेजों के समुद्री व्यापार का मुख्य केंद्र बन गया ।

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उसके बाद 1961 में गोवा को आजादी मिलने के बाद 1987 में भारत ने इसको आधिकारिक रूप से राज्य का दर्जा दिया था । इसकी राजधानी पणजी है । गोवा के लोग हर वर्ष अपने मुक्त दिवस को बड़े उत्‍साह के साथ मनाते हैं। इस मौके पर राज्य में कई जगहों पर मशाल जुलूस निकता है। यही नहीं गोवा को आजादी दिलाने के लिए अपने प्राणों को गंवाने वाले लोगों को श्रद्धांजलि दी जाती है। इस मौके पर राज्‍य में सांस्कृतिक कार्यक्रम होते हैं और लोग बड़े उत्‍साह, खुशी के साथ इस दिन को मनाते हैं। कई तरह के कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं।

दिसंबर में देश-विदेश से लाखों पर्यटकों के पहुंचने से गोवा में दिखाई देती है रौनक

खूबसूरत राज्य गोवा दिसंबर महीने में सबसे अधिक मस्ती के मूड में रहता है । पूरे वर्ष यही एक महीना ऐसा रहता है जब देश-विदेश से लाखों पर्यटक गोवा में सबसे अधिक घूमने आते हैं । इसका सबसे बड़ा कारण यह है कि इस महीने ईसाइयों के सबसे बड़ा फेस्टिवल क्रिसमस भी 25 दिसंबर को पड़ता है उसके बाद इस राज्य में नए वर्ष का जश्न भी शुरू हो जाता है, जो कि 10 दिनों तक चलता रहता है ।

इस दौरान पूरे गोवा में होटल से लेकर समुद्र बीच और सड़कों पर पर्यटक ही नजर आते हैं । गोवा का नाम सामने आते ही सैलानियों के आंखों के सामने घूमने लगते हैं खूबसूरत और लंबे-चौड़े समुद्री किनारे, ऐतिहासिक चर्च, इमारतें, शाम की ठंडी हवा, क्रूज का शानदार सफर, फेनी, पब्स, काजू, डांस पार्टीज, बाइक पर मस्ती करते युवा अपने आप दिख जाएंगे ।

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इस बार कोरोना महामारी के चलते भले ही गोवा में उतनी अधिक रौनक दिखाई नहीं पड़ रही है। लेकिन फिर भी पर्यटक कहां मानने वाले हैं, धीरे-धीरे इन दिनों गोवा में सैलानियों का पहुंचना शुरू हो गया है । आज भी भारतीयों का गोवा सैर-सपाटा करने की पहली पसंद मानी जाती है । गोवा में कई ऐतिहासिक और प्राचीन मंदिर भी हैं जिनमें श्री कामाक्षी, सप्तकेटेश्वर, श्री शांतादुर्ग, महालसा नारायणी, परनेम का भगवती मंदिर और महालक्ष्मी मंदिर आदि दर्शनीय हैं।

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