हिंदी कैलेंडर के अनुसार चैत्र माह का आरंभ हो चुका है। चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से नवरात्रि (Navratri) भी शुरू हो जायेगा। ऐसे में अब नवरात्रि शुरू होने में कुछ ही दिन शेष बचें हैं। नवरात्रि के नौ दिनों में मां दुर्गा के 9 स्वरूपों की आराधना की जाती है। मान्यता है कि मां का हर रूप बेहद खास होता है। नवरात्रि के दिनों में लोग अपने घर में अखंड ज्योति जलाते हैं। आज हम आपको बताएंगे कि नवरात्रि की पूजा में इस्तेमाल होने वाली पूजन सामग्री और श्रृंगार सामग्री के बारे में।
मां दुर्गा की मूर्ति या तस्वीर, आम के पत्ते, फूल, फूल माला,चौकी में बिछाने के लिए लाल रंग का कपड़ा,सिंदूर, बंदनवार, सोलह श्रृंगार (बिंदी, चूड़ी, तेल, कंघी, शीशा आदि), लौंग, बताशा, पान, सुपारी, थोड़ी पीसी हुई हल्दी, हल्दी की गांठ, मौली, रोली, आसन, चौकी, कमलगट्टा, शहद, शक्कर, पंचमेवा,,नारियल जटा वाला, सूखा नारियल, दूध, वस्त्र, दही, गंगाजल, नैवेध, जावित्री, नवग्रह पूजन के लिए सभी रंग या फिर चावलों को रंग लें, पूजा की थाली, दीपक, घी, अगरबत्ती आदि। (Chaitra Navratri 2022)
धार्मिक ग्रंथों में बताया गया है कि मांगलिक कार्यों (Navratri) की शुरुआत से पहले कलश स्थापना की जाती है। कलश में भगवान गणेश के साथ ही नक्षत्र, ग्रह विराजमान होते हैं। कहते हैं कि कलश में गंगाजल के अतिरिक्त तैतीस कोटि देवी-देवता भी विराजमान होते हैं। यही वजह है कि किसी भी पूजा से पहले वहां पर कलश की स्थापना अवश्य की जाती है। (Chaitra Navratri 2022)
कलश स्थापना के लिए मिट्टी, मिट्टी का घड़ा, मिट्टी का ढक्कन, नारियल जटा वाला, जल, गंगाजल, लाल रंग का कपड़ा, कलावा, एक मिट्टी का दीपक, थोड़ा सा अक्षत, मौली, हल्दी-चूने से बना तिलक आदि। (Chaitra Navratri 2022)
नवरात्रि (Navratri) में मां दुर्गा का सोलह श्रृंगार भी किया जाता है। श्रृंगार के सामान में मां के लिए लाल चुनरी, सिंदूर, बिंदी, काजल, लाल चूड़ियां, शीशा,इत्र, मेहंदी, महावर, बिछिया, चोटी, गले के लिए माला या मंगलसूत्र, पायल, चोटी के लिए बैंड, नेल पेंट, लिपस्टिक, नथ, गजरा, मांग टीका, कान की बाली, कंघी, शीशा आदि। (Chaitra Navratri 2022)
Google कर रहा रूस में काम बंद करने की तैयारी, इस बिजनेस को किया बंद