Chanakya Niti: खर्च करने से भी बढ़ती है धन संपदा, जानें कहां-कहां करना चाहिए खर्च

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आचार्य चाणक्य (Chanakya Niti) को उनकी योग्यता के लिए जाना जाता है। कहते हैं चाणक्य को जीवन से जुड़े सभी विषयों का सर्वोत्तम ज्ञान था। यही वजह है कि वह जिसके भी साथ रहे उसे निरंतर जीत मिलती रही और वह आगे बढ़ता गया। चाणक्य नीति में धन बढ़ाने के लिए भी कुछ स्थानों पर खर्च बढ़ाने की भी सलाह दी गई है। आइये जानते हैं कुछ ऐसी बातें जहां खर्च करने से न सिर्फ आपको शोहरत मिलती हैं बल्कि धन में भी वृद्धि होती है।

Chanakya Niti

मंदिर या धर्म स्थल के लिए दान (Chanakya Niti)

चाणक्य का कहना है कि मंदिर में पैसा देने से पहले बिल्कुल सोच-विचार नहीं करना चाहिए। मंदिर में पैसा दान करने से ईश्वरीय कृपा प्राप्त होती है जिससे व्यक्ति का धन और बढ़ता है। धार्मिक कार्यों के लिए समय-समय पर धन खर्च करते रहना चाहिए । (Chanakya Niti)

कुष्ठ रोगियों की मदद

चाणक्य कहते हैं जो व्यक्ति कुष्ट रोगियों की मदद करता है, वह कभी निर्धन नहीं रहता बल्कि उसके पास दिन-प्रतिदिन धन की बढ़ोतरी होती है। कुष्ठ रोगियों को बहुत अधिक पीड़ा सहनी पड़ती है, ऐसे में उनकी आर्थिक मदद से मन प्रसन्न होता है और मदद करने वाले के धन में वृद्धि होती है। (Chanakya Niti)

 जरूरतमंद को शिक्षित बनाएं

आप समर्थ हैं तो किसी व्यक्ति को शिक्षित करने में आर्थिक आर्थिक सहायता जरूर करनी चाहिए। ऐसा करने से मां लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं। किसी को शिक्षित करने में कमाई का एक अंश लगाते हैं तो लक्ष्मी की कृपा से जन्म-जन्मांतर का धन लाभ पाते हैं। (Chanakya Niti)

 सामाजिक कार्यों में मदद

अस्पताल, कुएं, धर्मशाला और स्कूल बनवाने में आर्थिक सहयोग से आपका धन शुद्ध होता है। ऐसे लोगों के पास कभी धन की कमी नहीं होती। (Chanakya Niti)

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