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चीन कोरोना संकट के इस दौर में भी अपनी हरकतों से बाज़ नही आ रहा है. आपको बता दें कि ऐसे में भारत ने चीन को कड़ी टक्कर दी है। जी हां, लद्दाख में कुछ ऐसा ही हुआ है, जो चीन को खल रहा है। वहां सालभर पहले एक सड़क बनकर पूरी हुई है। यह काम बेहद कठिन और चुनौतीपूर्ण हालात में संपन्न हुआ।

यही वजह है कि लद्दाख में चीन की छटपटाहट लगातार सामने आ रही है। पिछले दिनों भी सिक्किम और लद्दाख में चीनी सैनिक भारतीय सैनिकों से उलझ पड़े थे। जानकार मानते हैं कि वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर इस तरह की घटनाएं आगे भी सामने आ सकती हैं।दरअसल, लद्दाख में निर्मित दारबुक-श्योक-दौलत बेग ओल्डी रोड मैदानी इलाका देपसांग और गलवान घाटी तक पहुंचता है।

इसे सीमा सड़क संगठन (BRO) ने बनाया है। बीआरओ भारत सरकार की वह एजेंसी है जो अपने देश के साथ-साथ पड़ोसी मित्र देशों के सीमाई इलाकों में रोड नेटवर्क तैयार करती है। इसी संगठन ने ठीक एक वर्ष पहले दारबुक-श्योक-दौलत बेग ओल्डी रोड का काम पूरा कर दिया। राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दों पर नजर रखने वाले नितिन गोखले ने ट्वीट के जरिए लद्दाख में भारत की गतिविधियों की विस्तृत जानकारी दी है।

वहीं इसी रोड की वजह से चीन आगबबूला हो गया है और वह इलाके में लगातार आक्रामक रुख अख्तियार करने लगा है। लेकिन, सवाल उठता है कि आखिर भारत ने अपनी सीमा में सड़क बनाई तो चीन को परेशानी क्यों है? इसकी वजह यह है कि सड़क निर्माण के कारण चीन को इस इलाके में खुली छूट नहीं मिलने वाली क्योंकि दौलत बेग ओल्डी में अब वायुसेना का C-130J मीडियम एयरलिफ्ट एयरक्राफ्ट भी उतर सकता है। चीन सिर्फ इसलिए नहीं बौखलाया हुआ है कि भारत हाल के वर्षों में सीमाई इलाकों में इन्फ्रास्ट्रक्चर तेजी से तैयार कर रहा है, बल्कि उसकी परेशानी का दूसरा सबब यह है कि भारत बॉर्डर पर सैनिकों की तैनाती भी बढ़ा रहा है।

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