भारत के इस इलाके में घुसने के फिराक में चीन, सेटेलाइट तस्वीरों से खुली पोल

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नई दिल्ली॥ लद्दाख की गलवान घाटी में चीन के साथ खूनी संघर्ष के बाद वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर स्थिति बेहद तनावपूर्ण है। हिंदुस्तान ने सेना को अपने हिसाब से फैसला लेने की छूट दे दी गई है। कैबिनेट कमिटी ऑन सिक्यॉरिटी अफेयर्स की बैठक में इस बारे में फैसला किया गया है। इस बीच अभी रक्षा मंत्री, तीनों सेना के चीफ लगातार बैठक कर रहे हैं। इस बीच गलवान घाटी में सोमवार रात को चीन के साथ​ हिंसक झड़प में शहीद हुए जवानों की सूची हिंदुस्तानीय सेना ने जारी कर दी है।

 Situation on the Line of Actual Control (LAC) extremely

हिंदुस्तान और चीन की सेनाओं के बीच हुई झड़प वाली जगह की गलवान घाटी के ऊपर 16 जून को सेटेलाइट से ली गई तस्वीरों में साफ नजर आ रहा है कि कैसे चीन हिंदुस्तानीय इलाके में घुसने के फिराक में है। इन तस्वीरों में बहुत छोटे-छोटे चीनी जवान नजर आ रहे हैं। तस्वीरों में चीन के सैकड़ों सैन्य वाहन और आर्मी कैंप दिख रहे हैं और चीनी सैनिकों को तीन भागों में बांटा गया है। चीनी सैनिकों द्वारा की गई हिंसक झड़प के बावजूद हिंदुस्तानीय सैनिक अपनी पोस्ट पर ही मजबूती से तैनात हैं।

हिंदुस्तानी सेना ने आधिकारिक तौर पर 20 सैनिकों के शहीद होने की पुष्टि करते हुए उनकी सूची भी जारी कर दी है। ​गलवान घाटी में सोमवार शाम हुई झड़प में जान गंवाने वाले हिंदुस्तानीय सैनिकों को ​लेह स्थित ​आर्मी अस्पताल में पुष्पांजलि दी गई। ​इस दौरान ​इलाके में चॉपर की आवाजाही भी दिखी। ​​सोमवार को हुई घटना के बारे में सूत्रों का कहना है कि ​चीनी पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) ​ने ​लगभग 120 हिंदुस्तानीय सैनिकों​ यानी ​लगभग पूरी कंपनी​ को घेर लिया​ था।

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​​इसके बाद बर्बरतापूर्ण ​तरीके से लोहे ​की रॉड और नुकीले डंडों से लैस चीन के जवानों ने 16 बिहार रेजीमेंट के जवानों पर प्रहार किया​​। ​गलवान घाटी में पॉइंट 14 पर मौजूद चीनी सैनिकों ने बड़े-बड़े पत्थरों को हिंदुस्तानीय ​सैनिकों की तरफ फेंका। हिंदुस्तानीय सैनिकों ने चीनी सैनिकों का बहादुरी से सामना किया। ​हिंदुस्तानीय सैनिकों के पास अपनी सुरक्षा के लिए मौके नहीं थे।​​ ​हिंदुस्तानीय सैनिक आग्नेयास्त्रों का उपयोग नहीं करने ​के सरकारी निर्देशों से असहाय थे।​ इसमें कमांडिंग अफसर कर्नल संतोष बाबू समेत 20 जवान शहीद हो गए।

सूत्रों ने बताया कि हालांकि इस संघर्ष में चीन के ​कमांडिंग ऑफिसर ​​समेत 40 सैनिकों के मारे जाने की भी खबर है।​ विश्वसनीय स्रोतों के अनुसार पीएलए के हताहतों की संख्या सौ से अधिक ​हो सकती ​है क्योंकि उनके हेलीकॉप्टर अभी भी ​घटनास्थल ​से ​​शवों और घायल सैनिकों को उठा रहे हैं। ​

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