पूरे विश्व में अपनी हेकड़ी दिखाने वाला चीन अपने फौज को लेकर काफी चिंतित है, क्योंकि वो अपनी फौज में आत्मविश्वास की भारी कमी महसूस कर रहा है। इस बात का दावा सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी ने किया है। चीनी फौजियों में आत्मविश्वास की भारी कमी है।
जानकारी के अनुसार, चीनी फौजियों के आत्मविश्वास में कमी का एक खुलासा पीएलए के रेगिस्तान में मिसाइलों के परीक्षण के दौरान हुआ। वहीं चीन दिन पर दिन अपने यहां बच्चों की जन्म दर को बढ़ाने पर कार्य कर रहा है और उनकी एजुकेशन पर होने वाले खर्च को भी कम करने में जुटा हुआ है।
जापानी न्यूज पेपर की रिपोर्ट के अनुसार ड्रैगन के इन सभी प्रयासों का लक्ष्य अपने फौजियों का आत्मविश्वास बढ़ाना है और साथ ही साथ निरंतर चलने वाले युद्ध के दौरान उनकी सैन्य क्षमता में इजाफा करना है। चीन पिछले एक दशक से साउथ चाइना सागर में बहुत बिजी है और निरंतर कृत्रिम द्वीप बना रहा है और वहां मिसाइलें और घातक हथियार तैनात कर रहा है।
चीन के इस फैसले का उद्देश्य विदेशी फाइटर जेट और युद्धक जहाजों को उस क्षेत्र में प्रवेश से रोकना है। चीन अब परमाणु पनडुब्बी भी तैनात करना शुरू कर चुका है जो समुद्र के अंदर से मिसाइल दागने में सक्षम हैं। ये मिसाइलें बेहद खतरनाक होती हैं और परमाणु युद्ध होने की स्थिती में सेकंड स्ट्राइक के लिए सबसे खतरनाक हथियार हैं।