
कोलकाता, 15 सितम्बर, यूपी किरण पूरे वैश्विक पटल पर पश्चिम बंगाल के दुर्गा पूजा में महज एक-डेढ़ महीने रह गए हैं लेकिन कोविड मामलों में वृद्धि के साथ औसतन 3,000 मामले राज्य से प्रतिदिन आ रहे हैं। इसलिए इस वर्ष दुर्गा पूजा का आयोजन राज्य सरकार और प्रशासन के लिए बड़ी चुनौती है।पिछले वर्षों में आमतौर पर इस समय तक कोलकाता और जिलों में पंडालों की सजावट शुरू हो जाती थी लेकिन इस साल तस्वीर बहुत अलग है। राज्य सरकार द्वारा अब तक कोई भी प्रोटोकॉल जारी नहीं किया गया है। पूजा समितियों ने कोलकाता पुलिस के साथ बैठकें की हैं, जिसमें पांच दिनों तक चलने वाले त्योहार को आयोजित करने के लिए एक व्यापक विकल्प पर चर्चा की गई है।
अकेले कोलकाता में हर साल 2800 दुर्गा पूजाएँ आयोजित की जाती हैं। इसमें देश-दुनिया से लाखों लोग आते हैं, जिनकी सुरक्षा और महामारी से बचाव के मानदंडों का पालन करने के लिए मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने अगले हफ्ते बैठक करने की योजना बनाई है। उन्होंने कहा है कि पूजा पंडालों को खुला रखने का सुझाव दिया गया है ताकि हवा का शुद्धिकरण होता रहे। चूंकि लोग बड़ी संख्या में इकट्ठा होते हैं, इसलिए एक बंद पंडाल हानिकारक हो सकता है। हालांकि, जिस स्थान पर मूर्ति रखी जाएगी, उसे कवर किया जा सकता है, लेकिन उसके आसपास के शेष क्षेत्र को खुला रखना होगा।
25 सितम्बर को मुख्यमंत्री ममता दुर्गा पूजा 2020 के लिए अंतिम दिशा-निर्देश तय करने के लिए सभी पूजा क्लबों और समितियों के साथ महत्वपूर्ण बैठक की अध्यक्षता करेंगी। इसमें पूजा आयोजन को लेकर कई महत्वपूर्ण चर्चा होगी।