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मोबाइल फोन, टेलीविजन, कंप्यूटर हार्डवेयर, लैपटॉप, ऑटोमोबाइल से लेकर भारत आगामी 5 साल में सभी इलेक्ट्रॉनिक सामान निर्यात करेगा। सेमीकंडक्टर की यह गेम चेंजर स्थिति भारत की आगे की छलांग भारत के बड़े पैमाने पर विनिर्माण से आएगी।

भारत को सेमी कंडक्टर की तकनीक अब तक दुनिया में कोई भी देने को तैयार नहीं था। कुछ यूरोपीय देशों ने प्रौद्योगिकी के बदले में भारत पर नाटो में शामिल होने के लिए दबाव डाला था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मौजूदा अमेरिका यात्रा के बाद भारत के लिए गेम चेंजर स्थिति सामने आएगी।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन के समझौते के बाद अमेरिका सेमीकंडक्टर तकनीक मुहैया कराने के लिए तैयार है। अमेरिकी कंपनी माइक्रोन का अहमदाबाद में सेमीकंडक्टर प्रोजेक्ट जल्द ही शुरू होने वाला है. कंपनी यहां 2.75 अरब अमेरिकी डॉलर का निवेश करने जा रही है।

आपको बता दें कि भारत अगले पांच वर्षों में सेमीकंडक्टर क्षेत्र में विश्व का सबसे बड़ा केंद्र बनने की ओर अग्रसर है। भारत की पहली स्वदेशी सेमीकंडक्टर चिप दिसंबर 2024 तक बाजार में आ जाएगी।

 

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