Corona Alert: ठीक होने के बाद भी कोविड-19 से छुटकारा पाना कठिन है? नए शोध में पाया गया है कि कोरोना का वायरस शरीर के विभिन्न हिस्सों में घुसकर नए वेरिएंट बनाने में भी जुट जाता है। रिसर्चर्स का कहना है कि एक कोरोना रोगी के शरीर में कई अलग-अलग वायरस हो सकते हैं।
इंग्लैंड की यूनिवर्सिटी ऑफ ब्रिस्टल और जर्मनी के मैक्स प्लैंक इंस्टीट्यूट फॉर मेडिकल रिसर्च की अगुवाई वाली एक इंटरनेशनल टीम ने पाया कि कोविड संक्रमितों (Corona Alert) के शरीर से वायरस की पूरी तरह से निकासी काफी कठिन है।
इस स्टडी में पाया है कि सार्स कोव-2 के कई वेरिएंट इम्यून सिस्टम को चकमा देते हुए कोविड मरीजों के शरीर के अलग-अलग हिस्सों में छुप सकते हैं।
रिसर्च में बताया गया है कि कैसे वायरस अलग-अलग तरह के सेल्स (कोशिकाओं) में हो सकते हैं और मरीज की इम्यूनिटी को चकमा दे सकते हैं। यूनिवर्सिटी ऑफ ब्रिस्टल के प्रोफेसर इमरे बर्जर का कहना है, कई तरह के वेरिएंट की एक निरंतर शृंखला (कंटीन्यूअस सीरीज) ने मूल वायरस यानी ओरिजनल वायरस को पूरी तरह से बदल दिया है।
ओमिक्रॉन व ओमिक्रॉन-2 दुनियाभर में फैल चुके हैं। हमने ब्रिस्टल, ब्रिसडेल्टा (पहले खोजे गए वेरिएंट) में पाए गए शुरुआती वेरिएंट का विश्लेषण किया। इसने मूल वायरस से अपना आकार बदल लिया था।
ब्रिसडेल्टा स्टडी के चीफ राइटर कपिल गुप्ता का कहना है, ‘हमारे नतीजों (Corona Alert) से पता चला है कि कोविड मरीज के शरीर में कई अलग-अलग वायरस हो सकते हैं। इनमें से कुछ किडनी या तिल्ली यानी स्पलीन सेल्स में छुपे हो सकते हैं,
जबकि बॉडी मेन वायरस से बचाव के लिए संघर्ष कर रहा होता है। जिसके कारण संक्रमित व्यक्तियों के लिए सार्स कोव-2 से पूरी तरह से छुटकारा पाना मुश्किल हो सकता है।’
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