लखनऊ। उत्तर प्रदेश राज्य भण्डारण निगम के क्षेत्रीय प्रबंधक, लखनऊ सुभाष चन्द्र पांडे फर्जी डिग्री (Corruption game in UP cooperative) के दम पर नौकरी कर रहे हैं। दस्तावेजों की पड़ताल में इसकी सत्यता भी उजागर हो चुकी है। बावजूद इसके कार्रवाई तो दूर, उन्हें बचाने में निगम के आला ओहदेदार खूब रुचि ले रहे हैं। यह तब है, जब योगी सरकार का भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टालरेंस नीति का सीधा फरमान है। ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर सच उजागर होने के बाद भी कार्रवाई करने में अफसर क्यों कतरा रहे हैं?
सिक्किम के उच्च शिक्षा विभाग ने कहा—डिग्री फर्जी (Corruption game in UP cooperative)
भारत सरकार के प्रशासनिक सुधार और लोक शिकायत विभाग से 22 अगस्त को मिली जानकारी के मुताबिक श्री पांडे की ईआईआईएलएम विश्वविद्यालय, सिक्किम से प्राप्त रसायन विज्ञान में पोस्टग्रेजुएशन की डिग्री फर्जी है। संयुक्त निदेशक, उच्च शिक्षा विभाग, सिक्किम सरकार, गंगकटोक द्वारा यह प्रमाणित भी किया गया है कि यूजीसी द्वारा रसायन विज्ञान के लिए ईआईआईएलएम विश्वविद्यालय, सिक्किम को न तो अधिकृत किया गया और न ही मान्यता दी गयी है। श्री पांडे की सत्यनिष्ठा का सच पूरी तरह से उजागर हो चुका है। पर अफसर इस सच को स्वीकारने को तैयार नही हैं।
कौन बोल रहा सच निगम के एमडी या विवि के रजिस्ट्रार?
श्रीकान्त गोस्वामी, प्रबंध निदेशक, राज्य भण्डारण निगम की तरफ से आरटीआई के जरिए दी गयी सूचना में बताया गया है कि सुभाष चन्द्र पाण्डे की डिग्री के सत्यापन हेतु रजिस्ट्रार, ईआईआईएलएम विश्वविद्यालय, सिक्किम को पत्र भेजा गया। जिसमें उन्होंने अंकतालिका सत्यापित करके भेजी है। जबकि प्रबंध निदेशक के द्वारा दी गयी जानकारी को ईआईआईएलएम विश्वविद्यालय, सिक्किम के रजिस्ट्रार फर्जी बता रहे हैं। यूजीसी से मिली जानकारी के मुताबिक ईआईआईएलएम विश्वविद्यालय, सिक्किम एमएससी (रसायन विज्ञान) के संचालन हेतु अधिकृत ही नही थी। जिस विषय में सुभाष चन्द्र पाण्डे को डिग्री हासिल है। (Corruption game in UP cooperative)
2018 में कार्रवाई की बढी थी फाइल पर रसूख के चलते रूकी (Corruption game in UP cooperative)
14 नवम्बर 2018 को तत्कालीन प्रबंध निदेशक द्वारा विधिवत जांच करने के उपरांत पांडे को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था और दो दिन में जवाब तलब किया गया था। पर उसका जवाब उन्होंने 22 जुलाई 2019 दिया और पूरा मामला समाप्त हो गया। (Corruption game in UP cooperative)
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