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Up kiran,Digital Desk : एक कहावत है कि ज्ञान के मंदिर में भ्रष्टाचार का कोई स्थान नहीं होता, लेकिन राजस्थान के सिरोही मेडिकल कॉलेज में इसका उल्टा ही देखने को मिला. भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (ACB) की टीम ने कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. श्रवण मीणा को 50 हजार रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों दबोच लिया.

बिल पास कराने के लिए मांगे 2 लाख रुपये

यह पूरा मामला कॉलेज के हॉस्टल में मेस चलाने वाले एक ठेकेदार की शिकायत से शुरू हुआ. ठेकेदार का आरोप था कि प्रिंसिपल साहब उसके बिल पास करने और मेस का कॉन्ट्रैक्ट आगे बढ़ाने (रिन्यू) के बदले में 2 लाख रुपये की मोटी रकम मांग रहे हैं.

ठेकेदार ने परेशान होकर ACB में इसकी शिकायत कर दी. ACB ने पहले अपने तरीके से इस शिकायत की जांच की, और जब उन्हें यकीन हो गया कि प्रिंसिपल सच में रिश्वत मांग रहे हैं, तो उन्होंने जाल बिछाने की तैयारी कर ली.

जयपुर के पार्क में हुई डील

गुरुवार को प्रिंसिपल ने ठेकेदार को पैसे देने के लिए जयपुर बुलाया. पहले तो पैसे लेने के लिए राजस्थान मेडिकल एजुकेशन सोसायटी के दफ्तर में बुलाया गया, लेकिन फिर शायद उन्हें किसी बात का डर लगा और उन्होंने जगह बदल दी. आखिर में राजापार्क के पंचवटी सर्किल पर डील पक्की हुई.

जैसे ही ठेकेदार ने प्रिंसिपल डॉ. श्रवण मीणा को 50 हजार रुपये दिए, पहले से तैयार बैठी ACB की टीम ने उन्हें मौके पर ही गिरफ्तार कर लिया. तय यह हुआ था कि बाकी के डेढ़ लाख रुपये बिल पास होने के बाद दिए जाएंगे.

जांच में खुले और भी कई राज

ACB की शुरुआती पूछताछ में और भी चौंकाने वाली बातें सामने आई हैं. पता चला है कि प्रिंसिपल साहब ठेकेदार को धमकाते हुए कहते थे, "जब तक पैसा देते रहोगे, सब ठीक चलेगा, वरना तुम्हारा टेंडर खत्म कर दूंगा. दूसरे लोग तो 25 लाख देने के लिए लाइन में खड़े हैं."

सबसे बड़ी बात यह है कि आरोपी बड़े-बड़े नेताओं का नाम लेकर कहता था कि पैसा ऊपर तक पहुंचाना पड़ता है. जांच में यह भी पता चला है कि कॉलेज में नर्सिंग स्टाफ की भर्तियों और दूसरे टेंडरों में भी भारी गड़बड़ी हुई है. बताया जा रहा है कि कॉलेज का ही एक कर्मचारी इस पूरे लेन-देन का हिसाब-किताब रखता था. आरोपी प्रिंसिपल की पत्नी जयपुर के SMS अस्पताल में डॉक्टर हैं. फिलहाल, ACB आरोपी से पूछताछ कर रही है और इस मामले की जड़ तक पहुंचने की कोशिश कर रही है