Up kiran,Digital Desk : रूस और यूक्रेन के बीच शांति स्थापित करने की कोशिशों को उस वक्त बड़ा झटका लगा, जब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इस पूरी प्रक्रिया पर अपनी निराशा जाहिर कर दी। ट्रंप ने साफ संकेत दिए हैं कि अगर चीजें इसी तरह चलती रहीं, तो वह इस शांति वार्ता से खुद को अलग कर सकते हैं। उनका यह बयान उस समय आया है, जब अमेरिका में यूक्रेन के साथ हुई बातचीत भी बिना किसी नतीजे के खत्म हो गई।
जेलेंस्की से क्यों निराश हैं ट्रंप?
रविवार को वॉशिंगटन में एक कार्यक्रम के दौरान जब मीडिया ने ट्रंप से यूक्रेन शांति वार्ता पर सवाल पूछा, तो उन्होंने कहा, "मैं थोड़ा निराश हूं, क्योंकि यूक्रेनी राष्ट्रपति जेलेंस्की ने अभी तक शांति प्रस्ताव को पढ़ा तक नहीं है।"
बात यहीं खत्म नहीं हुई। ट्रंप के बड़े बेटे डोनाल्ड ट्रंप जूनियर ने तो यहां तक कह दिया कि उनके पिता इस शांति वार्ता से पीछे हट सकते हैं। उन्होंने यूक्रेन को रूस से भी ज्यादा भ्रष्ट देश बताते हुए यूक्रेनी राष्ट्रपति जेलेंस्की को एक "बहुत अच्छा प्रचारक" करार दिया।
क्यों नहीं बन पा रही शांति पर सहमति?
- जमीन पर अड़ा यूक्रेन: हाल ही में अमेरिका के मियामी में तीन दिनों तक चली बैठक में यूक्रेन उन इलाकों पर अपना दावा छोड़ने को तैयार नहीं हुआ, जिन पर रूस ने कब्जा कर लिया है। यही इस बातचीत का सबसे बड़ा रोड़ा है।
- यूक्रेन में भ्रष्टाचार का साया: इस पूरे मामले को यूक्रेन में चल रहे भ्रष्टाचार के एक मामले ने और भी उलझा दिया है। शांति वार्ता में शामिल यूक्रेन के सबसे बड़े अधिकारी आंद्रिए येरमाक पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगे हैं। उनके घर पर छापेमारी के बाद उन्होंने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है, जिससे बातचीत में यूक्रेन की स्थिति कमजोर हुई है।
इससे पहले अमेरिका और रूस के बीच मॉस्को में हुई बैठक भी बेनतीजा रही थी। रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने भी माना था कि बातचीत तो अच्छी हो रही है, लेकिन शांति पर सहमति बनाना आसान काम नहीं है।
अब खबर है कि राष्ट्रपति जेलेंस्की जल्द ही लंदन में ब्रिटेन, फ्रांस और जर्मनी के बड़े नेताओं से मिलने वाले हैं। इससे साफ है कि यूक्रेन अब दूसरे रास्ते तलाश रहा है और पूरा मामला बेहद उलझ गया है। शायद यही वजह है कि अब डोनाल्ड ट्रंप का धैर्य भी जवाब दे रहा है और उन्होंने अपनी निराशा खुलकर जाहिर कर दी है।
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