चक्रवात पर को लेकर दहशत बढ़ती जा रही है। बिपोर्जॉय 6 जून 2023 को अरब सागर में उठा था। शुरुआती 6 दिनों तक यह कराची की तरफ बढ़ रहा था, मगर अब यह रास्ता बदलकर गुजरात की तरफ बढ़ रहा है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार फिलहाल इसके बढ़ने की रफ्तार आठ किलोमीटर प्रति घंटा है।
आईएमडी का अनुमान है कि 15 जून को भी पड़ जाए गुजरात के तटीय इलाकों से टकराएगा। इस दौरान 150 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चल सकती हैं। 16 जून के बाद इस चक्रवात का धीमा असर होने की संभावना है। विशेषज्ञों का मानना है कि इस चक्रवात का असर 10 दिनों तक रह सकता है।
हाल के दिनों में अब तक का सबसे काफी वक्त तक रहने वाला तूफान है। अब सवाल उठता है कि आखिर यह कितनी तबाही मचा सकता है। 14 और 15 जून को कच्छ, देवभूमि द्वारका, पोरबंदर, जामनगर, मोरबी, जूनागढ़ और राजकोट समेत गुजरात के कई जिलों में यह चक्रवात असर दिखाएगा। यहां 14 और 15 जून को हैवी रेनफॉल हो सकता है यानी भयंकर बारिश हो सकती है।
16 जून को यह चक्रवात नॉर्थ गुजरात से सटे राजस्थान के इलाकों की तरफ बढ़ेगा। यहां भी बहुत भयंकर बारिश होने की आशंका है, जिससे जनजीवन प्रभावित हो सकता है। गुजरात के सौराष्ट्र और कच्छ के इलाकों में 12 जून को अधिकतम 65 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से हवाएं चली थी। 16 जून को नॉर्थ गुजरात और राजस्थान में भी इसी रफ्तार से हवाएं चल सकती हैं।
भारी नुकसान की जताई आशंका
15 जून को भी परचों के टकराने के बाद हवाओं और बारिश से गुजरात के तटीय जिलों में भारी नुकसान की आशंका है। विशेषज्ञों का अनुमान है कि छप्पर और झोपड़ी वाले घर पूरी तरह से तबाह हो जाएंगे। कच्चे घरों को भारी डैमेज होगा और पक्के मकानों को भी काफी नुकसान हो सकता है। बिजली के खंबे और कम्युनिकेशन टॉवर झुक सकते हैं। यहां तक कि टूटकर उखड़ भी सकते हैं। कच्ची और पक्की सड़कें डैमेज हो जाएंगी। रेलवे परिवहन, बिजली के तारों और सिग्नलिंग सिस्टम में बाधा आ सकती है।
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