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Up kiran,Digital Desk : देवभूमि उत्तराखंड की राजधानी देहरादून से एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है। यहाँ पुलिस ने अवैध रूप से रह रही दो बांग्लादेशी महिलाओं को पकड़ा है। इनमें से एक महिला की कहानी तो किसी फिल्मी प्लॉट जैसी है, जिसने न सिर्फ बॉर्डर पार किया, बल्कि यहाँ अपनी पूरी पहचान बदलकर एक नई जिंदगी शुरू कर ली थी।

पुलिस फिलहाल 'ऑपरेशन कालनेमि' के तहत ऐसे लोगों की पहचान कर रही है जो बिना वैध दस्तावेजों के छुपकर यहाँ रह रहे हैं। आइए जानते हैं क्या है पूरा मामला।

बबली खातून का 'भूमि शर्मा' बनने का सफर

पुलिस की हिरासत में आई पहली महिला की कहानी चौंकाने वाली है। जांच में पता चला है कि यह महिला कोविड महामारी के दौरान अवैध तरीके से बॉर्डर पार करके भारत में दाखिल हुई थी। यहाँ आने के बाद उसने बड़ी चालाकी से खुद को यहीं का नागरिक साबित करने की साजिश रची।

उसने अपना असली नाम बबली खातून छुपाकर अपना नया हिंदू नाम 'भूमि शर्मा' रख लिया। हद तो तब हो गई जब उसने इस फर्जी नाम से आधार कार्ड और पैन कार्ड जैसे सरकारी दस्तावेज भी बनवा लिए। इतना ही नहीं, अपनी इस नकली पहचान को पक्का करने के लिए उसने देहरादून में ही एक स्थानीय हिंदू युवक से शादी भी कर ली और यहीं रहने लगी।

चूंकि उसने फर्जी दस्तावेज (Fake Documents) बनवाए थे, इसलिए पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया है और गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज किया है। पुलिस अब उन लोगों की भी तलाश कर रही है जिन्होंने ये फर्जी कागजात बनाने में उसकी मदद की थी।

दूसरी महिला होगी डिपोर्ट

वहीं, पुलिस ने एक और बांग्लादेशी महिला को हिरासत में लिया है। यह महिला साल 2023 में छुपकर बॉर्डर पार करके भारत आई थी। यह यहाँ मजदूरी करके अपना गुजारा कर रही थी।

चूंकि इसके पास बबली की तरह फर्जी भारतीय दस्तावेज नहीं मिले, इसलिए पुलिस इसे जेल नहीं भेज रही है। भारत सरकार के नियमों के मुताबिक, इसे वापस इसके देश यानी बांग्लादेश डिपोर्ट (Deport) किया जाएगा।

क्या है 'ऑपरेशन कालनेमि'?

देहरादून पुलिस इन दिनों अवैध घुसपैठियों के खिलाफ 'ऑपरेशन कालनेमि' चला रही है। इसका मकसद शहर में छिपे ऐसे विदेशी नागरिकों को ढूंढना है जो अवैध रूप से यहाँ रह रहे हैं। पुलिस ने बताया कि इस ऑपरेशन के तहत अब तक 17 बांग्लादेशी नागरिकों के खिलाफ कार्रवाई की जा चुकी है। इसमें से 8 लोग ऐसे थे जिन्होंने फर्जी दस्तावेज बनवा रखे थे, उन्हें जेल भेजा जा चुका है।

यह घटना उन सभी लोगों के लिए एक सबक है जो बिना पुलिस वेरिफिकेशन के किसी को भी काम पर रख लेते हैं या मकान किराए पर दे देते हैं।