Up kiran,Digital Desk : दिल्ली के मंगोलपुरी इलाक़े में गुरुवार की रात जो हुआ, उसे सुनकर रूह काँप जाती है। एक ज़रा सी कहासुनी इतनी बढ़ गई कि एक 43 साल के आदमी की जान चली गई। वजह? बस नशे में हुई मामूली सी तू-तू, मैं-मैं।
उस रात हुआ क्या था?
रात के क़रीब 1 बज रहे थे। 43 साल के संजय सिंह और उनका दोस्त अनिल, दोनों शराब के नशे में मंगोलपुरी के एफ-ब्लॉक में मदर डेयरी बूथ के पास खड़े थे। संजय बेचारे अकेले ही रहते थे, बेरोज़गार थे और माँ-बाप भी नहीं रहे। उनका दोस्त अनिल भी बेरोज़गार था।
तभी वहाँ एक ईको वैन आकर रुकी। वैन से तीन लड़के उतरे। नशे में होने के कारण दोनों गुटों में किसी बात पर बहस छिड़ गई। बात इतनी बिगड़ी कि वैन से आए लड़कों ने चाकू निकाल लिया।
देखते ही देखते उन्होंने संजय के सीने में और अनिल के पेट में चाकू घोंप दिया और वहाँ से फ़रार हो गए।
आसपास के लोगों ने दोनों को जैसे-तैसे अस्पताल पहुँचाया, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी। संजय की जान नहीं बच सकी। अनिल का इलाज चल रहा है और उसकी हालत अब ठीक बताई जा रही है।
CCTV ने पकड़वा दिए मुजरिम
आरोपी यह सोचकर भाग गए कि रात के अँधेरे में कोई उन्हें पहचान नहीं पाएगा। लेकिन वो कहते हैं न, क़ानून के हाथ लंबे होते हैं। पास में लगे एक CCTV कैमरे में यह पूरी ख़ौफ़नाक वारदात क़ैद हो गई थी।
पुलिस ने जब फुटेज खंगाली, तो आरोपियों की पहचान हो गई। अगले ही दिन, शुक्रवार को पुलिस ने सुल्तानपुरी में दबिश देकर तीनों आरोपियों—अभिनव, अभिषेक और संजीव—को गिरफ़्तार कर लिया। उनके पास से हत्या में इस्तेमाल हुआ चाकू भी बरामद कर लिया गया है।
सोचिए, चंद मिनटों के नशे और गुस्से ने एक आदमी की ज़िंदगी छीन ली और तीन नौजवानों को सलाख़ों के पीछे पहुँचा दिया
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