Up kiran,Digital Desk : ऋषिकेश: उत्तराखंड राज्य को बनाने में अपना सब कुछ झोंक देने वाले आंदोलनकारियों को जब याद किया जाता है, तो सर अपने आप सम्मान से झुक जाता है। ऐसा ही एक भावुक नजारा ऋषिकेश के कैलास गेट स्थित क्रांति चौक पर देखने को मिला। यहाँ 'उत्तराखंड राज्य निर्माण सेनानी मंच' के बैनर तले पुराने साथी और समाज के लोग अपने प्रिय साथी दिवाकर भट्ट को श्रद्धांजलि देने के लिए एकजुट हुए।
माहौल गमगीन था और हर किसी की जुबान पर दिवाकर जी के संघर्षों की कहानियां थीं। मंच के अध्यक्ष शैलेश सेमवाल ने जब अपनी बात रखी, तो उन्होंने साफ शब्दों में कहा कि दिवाकर भट्ट सिर्फ एक आंदोलनकारी नहीं, बल्कि सही मायनों में एक क्रांतिकारी थे। उनका सपना सिर्फ एक अलग राज्य बनाना नहीं था, बल्कि वो चाहते थे कि पहाड़ के लोगों को उनके 'जल, जंगल और जमीन' पर पूरा हक मिले। उन्होंने पहाड़ के मानवीय मूल्यों को बचाने का जो संकल्प लिया था, उसे उन्होंने ताउम्र निभाया।
वहीं, अपने पुराने साथी के जाने से मंच के महासचिव नरेंद्र मैठाणी काफी दुखी नजर आए। उन्होंने कहा कि दिवाकर जी का जाना संगठन के लिए किसी बड़े झटके से कम नहीं है। राज्य निर्माण के आंदोलन में उन्होंने जिस निडरता से भूमिका निभाई, उसे यह प्रदेश कभी भुला नहीं पाएगा।
शोक सभा में मौजूद मंच के संरक्षक महंत मनोज द्विवेदी ने दिवाकर भट्ट के साथ बिताए पुराने दिनों को याद किया। उन्होंने उनके वीरतापूर्ण कार्यों के कई किस्से सुनाए, जिससे वहां मौजूद लोगों की यादें भी ताजा हो गईं। यह सिर्फ एक शोक सभा नहीं थी, बल्कि एक सच्चे पहाड़ी सपूत के जज्बे को सलाम करने का जरिया थी।
इस मौके पर शहर के कई गणमान्य लोग भी मौजूद रहे। जीपी रणावत, भारत भूषण कुकरेती, जगदीश उनियाल, राजेश डोभाल, योगेश बहुगुणा, उपेंद्र उनियाल, दिलावर बिष्ट और राजीव पंवार समेत कई लोगों ने पुष्प अर्पित कर दिवंगत आत्मा की शांति की प्रार्थना की।




