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यूपी किरण ब्यूरो
लखनऊ।। जनता को सस्ती व अच्छी स्वास्थ्य सुविधा मुहैया कराने के लिए सरकरा द्वारा नितनए प्रयास किए जा रहे है। लेकिन स्वास्थ्य विभाग व उनके कर्मचारी अधिकारी सरकार की मंशा पर पानी फेर रहे है। जिससे सरकार की खिल्ली तो उड़ती ही है और मरीजों को भी इसका खामिआजा भुगतना पड़ता है।
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अभी दो दिन पहले गाजीपुर जिले में एक व्यक्ति अपनी बच्चे के शव को कंधें पर लेकर अस्पताल में दर-दर भटक रहा था कि आज ताजा मामला लखीमपुर जिले से सामने आया है। जहां पर जिलाधिकारी महोदय ने स्वास्थ्य सुविधाओं का हाल जानने के लिए स्वंय एक गरीब किसान बनकर पहुंचे।
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मामला यूपी के लखीमपुर का है। यहां के डीएम आकाशदीप सिर पर गमछा, पसीने से तर-बतर चेहरा और एकदम परेशान आदमी की शक्ल लेकर पैदल ही अस्पताल पहुँचे। यहाँ तैनात बाबू से बोले साहब ब्लड चाहिए और फिर बाबू ने जो जवाब दिया उससे डीएम के ही होश उड़ गए।
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तब डीएम आकाशदीप को एहसास हुआ कि कैसे अस्पताल में ग़रीब मरीज़ों का पैसा घूस के नाम पर चूसा जाता है।
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डीएम आकाशदीप ने कहा, साहब हमारे मरीज़ को ख़ून चाहिए। बाबू ने कहा कि बिना पैसा दिए कुछ नहीं होने वाला। कई बार डीएम बोले मगर बाबू ने कहा कि पैसा देना हो दो नहीं तो भागो। इस पर डीएम ने चेहरे से गमछा उतार लिया। फिर बोले कि मुझे पहचानते नहीं। बाबू ने कहा मैं क्यों पहचानूँगा तुझे तभी डीएम के स्टेनो ने आकर परिचय दिया तो बाबू की बत्ती गुल हो गई।
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खबर के मुताबिक डीएम ने स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारी से कहा कि क्या तुम जिलाधिकारी को नहीं पहचानते। स्टोनो के इतना कहते ही कर्मचारी के हाथ-पांव फूल गये। इसके बाद डीएम ने सीएमओ और सीएमएस को बुलाया और ब्लड बैंक के कर्मचारी के खिलाफ विभागीय कार्यवाही करने का आदेश देते हुये अन्य कर्मचारियों को चेतावनी दी।
फोटोः फाइल
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