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पहले हम अक्सर बुजुर्ग लोगों को दिल का दौरा पड़ने की खबरें पढ़ते या सुनते थे। मगर बीते काफी वक्त से छोटे और छोटे बच्चों में दिल का दौरा और स्ट्रोक की घटनाएं बढ़ी हैं। इन बढ़ते मामलों को देखते हुए कुछ लोगों ने कहा है कि ऐसा कोरोना वैक्सीन के कारण हुआ है।

इतना ही नहीं लोग इसे लेकर तरह-तरह के दावे भी कर रहे हैं। कुछ लोगों का कहना है कि कोरोना वैक्सीन जल्दबाजी में बनाई गई है। जितना शोध होना चाहिए था उतना नहीं हुआ। ऐसे में हार्ट अटैक का ये सबसे बड़ा कारण है।

स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार इस बात में कुछ सच्चाई है और ये सभी अफवाहें झूठी हैं। हालिया शोध में इस मामले पर साफ तौर पर अपनी राय जाहिर की गई है। तेजी से फैल रहे कोरोना के कारण लोगों के मन में डर का माहौल बन गया है।

एनबीटी में छपी खबर में इस रिसर्च का जिक्र है। शोध के अनुसार, मैरीलैंड विश्वविद्यालय के संक्रामक रोग विशेषज्ञ डॉ। फहीम यूनुस ने इस विषय पर एक शोध साझा किया है। इसमें उन्होंने साफ कहा कि कोरोना का बूस्टर डोज 95 % तक गंभीर बीमारी से बचाता है।
 

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