रेल मंत्रालय वंदे भारत एक्सप्रेस का किराया कम करने पर विचार कर रहा है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक मंत्रालय उन रूट्स की समीक्षा कर रहा है जिस पर ज्यादा किराया होने की वजह से कम लोग यात्रा कर रहे हैं। आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार कुछ ट्रेनों को छोड़कर ज्यादातर वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेनें पूरी तरह भरी हुई चल रही हैं। जिन रूट्स पर ज्यादा यात्री नहीं बैठ रहे, वहीं किराया कम किया जा सकता है। इसके अलावा भी कई और ट्रेनों का किराया कम होने की संभावना जताई जा रही है।
जून के महीने में भोपाल इंदौर वंदे भारत ट्रेन केवल 29 % ही भरपाई कर पाई। यानी कि 71 % सीटें यहां पर खाली रही। जबकि इंदौर भोपाल की वापस यात्रा में औसतन केवल 21 % लोग ही ट्रेन में चढ़े। दोनों शहरों के बीच करीब तीन घंटे की दूरी है। इसमें एसी चेयरकार का टिकट ₹950 का है। वहीं एग्जीक्यूटिव चेयरकार का टिकट एक हज़ार ₹525 का है।
यही हाल भोपाल जबलपुर वंदे भारत एक्सप्रेस का भी है। इसमें भोपाल से जबलपुर जाते समय औसतन करीब 32 % लोग सफर कर रहे हैं। वहीं जबलपुर से भोपाल आने वाली वंदे भारत में करीब 36 % साढ़े चार घंटे के सफर के दौरान ट्रेन में एसी चेयरकार का टिकट एक हज़ार ₹55 है। वहीं एग्जीक्यूटिव चेयर चेयरकार का जो किराया है वह एक हज़ार ₹880 है। वापसी में इसका किराया थोड़ा कम है।
जबलपुर से भोपाल में एसी चेयरकार का किराया 955 तो एग्जीक्यूटिव चेयरकार में एक हज़ार ₹790 है। नागपुर बिलासपुर वंदे भारत ट्रेन में भी कम लोग ही चढ़ रहे हैं। नागपुर से बिलासपुर जाने वाली ट्रेन में करीब 55 % लोग सफर कर रहे हैं। जिसमें नागपुर से बिलासपुर जाने में लगभग साढ़े पांच घंटे का समय लगता है। इस ट्रेन में एसी चेयरकार का किराया एक हज़ार ₹75 है। वहीं एक्जीक्यूटिव चेयरकार के लिए दो हज़ार ₹45 देने होते हैं। मई के बाद कई लोग सफर कम कर रहे हैं। इसके लिए तेजस एक्सप्रेस चलाई गई थी। कैसे ज्यादा लोग चढ़ेंगे, इस पर भी विचार किया जा रहा है।
वन्दे भारत ट्रेनों की सबसे लंबी यात्रा लगभग 10 घंटे की है। वहीं सबसे छोटी जो यात्रा है वह करीब तीन घंटे की। रेल विभाग ने अपनी समीक्षा में पाया कि 2 से 5 घंटे की दूरी वाली ट्रेनों का किराया कम करने पर उनका प्रदर्शन बेहतर हो सकता है। यानी तब ज्यादा से ज्यादा लोग इन ट्रेनों से सफर करेंगे। उम्मीद है कि इंदौर भोपाल, भोपाल जबलपुर और नागपुर बिलासपुर एक्सप्रेस जैसी बंदे भारत ट्रेनों का किराया कम हो सकता है। बता दें कि अभी तक देश में कुल 46 वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन चलाई गई हैं। ये 24 राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों में चल रही हैं।
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