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डिजिटल मार्केटिंग, एआई और ऑटोमेटिक कॉलिंग प्रक्रियाएं वास्तव में इस वक्त टेलीमार्केटर्स की नौकरियों को खतरे में डाल रही हैं। मशीन लर्निंग तकनीक और ऑटोमेटिक प्रक्रियाओं ने डेटा एंट्री नौकरियों को खतरे में डाल दिया है।
सेल्फ-चेकआउट और ऑटोमेटिक पेमेंट के बढ़ते चलन के कारण खुदरा कैशियर की नौकरियां भी अगले 10 वर्षों में विलुप्त हो सकती हैं। एटीएम, ऑनलाइन पेमेंट, ऑनलाइन बैंकिंग और ऐसी कई अन्य सुविधाओं के कारण निकट भविष्य में उन लोगों की नौकरी भी खतरे में पड़ सकती है जो वास्तव में बैंक से खाताधारकों की मदद करते हैं।
स्वायत्त वाहनों और कार सवारी साझाकरण के बढ़ने से टैक्सी चालकों और ड्राइवरों की नौकरियों को खतरा हो सकता है। रोबोट के इस्तेमाल से टेक्सटाइल सेक्टर में काम करने वालों की नौकरियां भी खतरे में हैं और कई छोटे-मोटे काम टेक्नोलॉजी की मदद से पूरे किए जा रहे हैं।