
कई लोग अपनी आंखों को खूबसूरत दिखाने के लिए कॉन्टैक्ट लेंस का use करते हैं। आज के युवा शादी, पार्टी, किसी भी कार्यक्रम में सबसे अलग दिखने के लिए कॉन्टैक्ट लेंस का इस्तेमाल करते हैं।
साथ ही, चश्मा पहनने वाले लोग कभी-कभी कॉन्टैक्ट लेंस का इस्तेमाल करते हैं। लेकिन ज्यादातर लोग यह नहीं जानते हैं कि चूंकि ये कॉन्टैक्ट लेंस अलग-अलग केमिकल्स से बने होते हैं, इसलिए आप कई गंभीर बीमारियों के खतरे को बढ़ा रहे हैं।
आपको शायद यकीन न हो, मगर विशेषज्ञों ने 18 लोकप्रिय कॉन्टैक्ट लेंसों में कार्बोनिक फ्लोरीन का उच्चतम स्तर पाया है। जो perfluoroalkyl और polyfluoroalkyl पदार्थों के PFAS का एक मार्कर है। ये रसायन शरीर में कैंसर कोशिकाओं को एक्टिव करने का काम करते हैं। इस बारे में एक रिसर्च की गई है और आइए जानते हैं इसके बारे में विस्तार से-
क्या कॉन्टैक्ट लेंस से कैंसर हो सकता है?
एक मशहूर अखबार में प्रकाशित एक अध्ययन के मुताबिक, अमेरिका में कई सॉफ्ट कॉन्टैक्ट लेंस अत्यधिक जहरीले और कैंसर पैदा करने वाले तत्वों से बने होते हैं। शोधकर्ताओं ने 18 लोकप्रिय कॉन्टैक्ट लेंस का परीक्षण किया। इस वक्त हर कॉन्टैक्ट लेंस में कार्बोनिक फ्लोरीन के उच्च स्तर के साथ पॉलीफ्लोरोआकाइल पदार्थ (पीएफए) का एक मार्कर पाया गया है। इससे साइंटिस्टों ने भविष्यवाणी की है कि अगर आप लंबे समय तक कॉन्टैक्ट लेंस का इस्तेमाल करते हैं तो शरीर में कैंसर कोशिकाएं सक्रिय हो सकती हैं और इसलिए आप कैंसर के शिकार हो सकते हैं।
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