ED Raid : कोलकाता में व्यापारी के घर पड़ी ED की रेड, मिला नोटो का जखीरा,नोट गिनने के लिए मंगाईं 8 मशीनेंप्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मोबाइल एप्लिकेशन धोखाधड़ी मामले की जांच के सिलसिले में कोलकाता में एक व्यापारी के ठिकानों पर छापेमारी की है। अधिकारियों का कहना है कि यह रेड छह स्थानों पर की जा रही है। बताया जा रहा है परिसरों से कैश का अंबार मिला है।अभी तक सात करोड़ रुपये की गिनती की जा चुकी है। काउंटिग की जा रही है। कैश गिनने के लिए नोट गिनने की मशीनें मंगाई गई हैं।
परिसरों में कैश का अंबार मिला
प्रवर्तन निदेशालय ने शनिवार को एक व्यापारी के यहां मोबाइल एप्लिकेशन धोखाधड़ी मामले की जांच के सिलसिले में कोलकाता के ठिकानों पर छापेमारी की है। अधिकारियों का बताया कि यह रेड छह स्थानों पर की जा रही है। यह भी कहा जा रहा है कि परिसरों में कैश का अंबार मिला है। अभी तक सात करोड़ रुपये की गिनती की जा चुकी है और काउंटिग की जा रही है। साथ ही नोट गिनने के लिए 8 मशीनें लगाई गई हैं। (ED Raid)
सात करोड़ रुपये नकद और संपत्ति के दस्तावेज जब्त
समाचार एजेंसी एएनआई के अनुसार , ईडी अधिकारियों की एक टीम ने बैंक अधिकारियों के साथ शनिवार को कोलकाता के गार्डन रीच इलाके में कारोबारी नासिर खान के परिसरों में छापेमारी की जहां से सात करोड़ रुपये नकद और संपत्ति के दस्तावेज जब्त किए। ईडी सूत्रों का कहना है कि छापेमारी अभी चल रही है और बरामद नकदी की सही मात्रा का पता लगाने के लिए कैश काउंटिंग मशीनें लाई गई हैं। कारोबारी के आवास पर छापे के साथ इलाके में केन्द्रीय पुलिस बल भी तैनात कर दिए गए है। यह तलाशी उन कारोबारियों पर चलाए जा रहे जो इस अभियान के हिस्सा है जिन पर ईडी को धनशोधन में शामिल होने का संदेह है। आमिर के खिलाफ कोलकाता पुलिस ने शिकायत के आधार पर आईपीसी की धारा 420, 406, 409, 468, 469, 471, 34 के तहत केस दर्ज किया था।
UPDATE | #Kolkata: #ED raids underway at a businessman's premises in connection with a money laundering case. Over 50 crores cash recovered and being counted by ED officials during the searches in Kolkata related to mobile gaming app fraud case. Counting is still on. https://t.co/gBYSwcZOJu pic.twitter.com/fQJLOALiHm
— Subodh Kumar (@kumarsubodh_) September 10, 2022
कमीशन के साथ इनाम के तौर पर खूब लुभाया गया
ईडी के अधिकारियों के अनुसार, ” मोबाइल गेमिंग ऐप में शुरुआती अवधि के दौरान, लोगों को कमीशन के साथ इनाम के तौर पर खूब लुभाया गया। इससे लोग इस ऐप पर काफी आकर्षित हुए। फिर लोगों ने ज्यादा कमीशन पाने के लिए बड़ी मात्रा में निवेश करना शुरू किया। उसके बाद फिर ऐप संचालकों ने ठगी का खेल शुरू किया।” जब पैसा ज्यादा इकट्ठा हो गया तो अचानक उक्त ऐप में अपग्रेडेशन के नाम पर निकासी बंद कर दी गई। इसके बाद लोगों की प्रोफाइल जानकारी सहित कई डेटा ऐप सर्वर से हटा दिया गया। तब जाकर लोगों को पता चला कि उनके साथ धोखाधड़ी हुई है।
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