- यूपी में बदहाल शिक्षा के अधिकार का हो रहा हनन
- 34% विद्यालयों की नहीं हो पाई मैपिंग
- 2831 स्कूलों में महज़ 1717 विद्यार्थियों को ही मिल पाया है प्रवेश
लखनऊ। यूपी के बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री ( स्वतंत्र प्रभार ) संदीप सिंह ने भले ही बेसिक शिक्षा विभाग की नई वेबसाइट का शुभारम्भ कर बड़े-बड़े दावे किये हैं, लेकिन यदि आपको प्रदेश में बेसिक शिक्षा विभाग की महत्वपूर्ण योजना “शिक्षा के अधिकार” यानि कि आरटीई की बदहाली की नब्ज टटोलनी हो तो राजधानी लखनऊ की बानगी बहुत कुछ कह रही है। जहाँ सूबे के बड़े बड़े राजनेताओं और आला अधिकारियों की नाक के नीचे नौनिहालों का शिक्षा का अधिकार दम तोड़ता नज़र आ रहा है। (education in UP)
चौंकाने वाला यह खुलासा लखनऊ निवासी कंसलटेंट इंजीनियर संजय शर्मा की सूचना से हुआ (education in UP)
चौंकाने वाला यह खुलासा लखनऊ निवासी कंसलटेंट इंजीनियर संजय शर्मा की सूचना कानून की अर्जी पर राजधानी के बेसिक शिक्षा अधिकारी के जवाब से हुआ है जिसके अनुसार सूबे की राजधानी में आरटीई की परिधि में आने वाले 2831 निजी विद्यालयों में से मात्र 1871 को ही बेसिक शिक्षा विभाग आरटीई के अंतर्गत मैप्ड कर पाया है। बेसिक शिक्षा विभाग की लाचारी का आलम देखिये कि इनमें से मात्र 848 विद्यालयों ने ही आरटीई पोर्टल पर पंजीकरण कराया है और बाकी बचे 1983 दबंग निजी क्षेत्र के स्कूल बेसिक शिक्षा विभाग के आरटीई पोर्टल पर पंजीकरण नहीं करा रहे हैं और बेसिक शिक्षा विभाग टुकुर-टुकुर देखते रहने के आलावा कुछ नहीं कर पा रहा है। (education in UP)
लखनऊ में कुल 2831 विद्यालय शिक्षा का अधिकार कानून से आच्छादित हैं : कंसलटेंट इंजीनियर संजय शर्मा (education in UP)
बेसिक शिक्षा अधिकारी ने संजय को यह भी बताया है कि अब तक महज़ 1717 विद्यार्थियों को ही आरटीई के तहत निजी विद्यालयों में प्रवेश दिलाया जा सका है। संजय कहते हैं कि लखनऊ में कुल 2831 विद्यालय शिक्षा का अधिकार कानून से आच्छादित हैं जिनमें महज़ 1717 छात्रों को प्रवेश दिलाया जा सका है जो प्रति निजी विद्यालय एक छात्र से भी कम का औसत है और इस आधार पर संजय ने सामाजिक दायित्वों और नैतिकता की बड़ी-बड़ी बातें करने वाले लखनऊ के सभी बड़े कहे जाने वाले निजी विद्यालयों के प्रबंध तंत्र का मुखौटे के पीछे छिपा दोहरे मापदंड रखने वाला लालची और असली चेहरा इस खुलासे से खुद-ब-खुद सामने आ जाने की बात जोरदार ढंग से कही है। (education in UP)
निजी विद्यालयों के सामाजिक कार्यक्रमों का तब तक वहिष्कार करें जब तक ये… : कंसलटेंट इंजीनियर संजय शर्मा (education in UP)
संजय आगे कहते हैं कि यदि जांच की जाए तो इन 1717 बच्चों में से भी अधिकतर बच्चे इन विद्यालयों के प्रबंधन और स्टाफ के सिफारिशी निकलेंगे। संजय ने सभी राजनेताओं, अधिकारियों , धर्मगुरुओं , समाजसेवियों और पत्रकारों से अपील की है कि वे उन सभी बड़े निजी विद्यालयों के सामाजिक कार्यक्रमों का तब तक वहिष्कार करें जब तक ये निजी विद्यालय गरीब विद्यार्थियों को शिक्षा के अधिकार का शत-प्रतिशत हक देकर अपनी कथनी और करनी के अंतर को मिटा नहीं देते है। संजय ने राज्य सरकार से भी अपील की है कि वह शिक्षा के अधिकार के क्रियान्वयन के प्रति और गंभीरता से कदम उठाकर निजी विद्यालयों पर नकेल कसकर प्रदेश के नौनिहालों को उनका पढने का पूरा हक़ दिलाये। (education in UP)
पूरे रीति रिवाज से निकाली गई पालतू कुत्ते की अंतिम यात्रा, देखकर भर आईं सबकी आंखें
Samsung Galaxy Z Flip 4 : कल Samsung लॉन्च कर रहा यह जबर्दस्त स्मार्टफोन, आइये जानते है इसके शानदार, खास फीचर्स
Optical Ilussion : आपकी नजर है बाज जैसी तेज, तो इस तस्वीर में छिपा है मेढक, photo vairol
--Advertisement--