प्रेसिडेंट द्रौपदी मुर्मू द्वारा आज राष्ट्रीय खेल पुरस्कार वितरित किए गए। भारतीय तेज गेंदबाज मोहम्मद शमी को इस साल के अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित किया गया। भारतीय टीम के प्रमुख गेंदबाजों में से एक शमी का यहां तक का सफर कई लोगों के लिए प्रेरणादायी रहा है। संघर्ष करके यहां तक पहुंचे मोहम्मद शमी की मां ने जब उन्हें अवॉर्ड लेते देखा तो उनकी आंखों में आंसू आ गए।
पारिवारिक मतभेद, विवादों से परेशान होकर शमी ने तीन बार आत्महत्या की कोशिश की, जिसका खुलासा खुद शमी ने किया। दरअसल शमी को अपनी पत्नी हसीन जहां की वजह से कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ा। पत्नी से विवाद के कारण वह तनाव में था। इसी वजह से भारतीय खिलाड़ी के मन में बड़ा कदम उठाने का ख्याल आया।
17 साल की उम्र में मोहम्मद शमी ने अंडर-19 टीम के लिए ट्रायल दिया. मगर तब उनका चयन नहीं हुआ था. इसके बाद शमी के कोच बदरुद्दीन को कोलकाता से फोन आया और वहीं से उनका सफर शुरू हुआ. शमी को 2023 वनडे वर्ल्ड कप के शुरुआती चार मैचों में मौका नहीं मिला. पर पांड्या की चोट के कारण शमी का प्लेइंग इलेवन में आने का रास्ता साफ हो गया। इसके बाद शमी उस टूर्नामेंट में सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले गेंदबाज बन गए।
पुरस्कार स्वीकार करने के बाद शमी ने कहा कि यह मेरे जीवन की सबसे बड़ी उपलब्धि है. मुझे यह खेल पसंद है और मैं इसमें सफल होने के लिए कड़ी मेहनत करता हूं। मेरे सपने को साकार करने के लिए मेरे परिवार ने मेरा बहुत समर्थन किया है और इसके लिए मैं उन्हें बहुत-बहुत धन्यवाद देना चाहता हूं। मेरे पास शब्द नहीं हैं कि अमरोहा से भारतीय क्रिकेट तक का मेरा सफर कैसा रहा। मैं हमेशा अपने देश के लिए अच्छा करने की कोशिश करता हूं।'
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