पिता जी करते थे कोयले की खान में काम और खुद बन गया टीम इंडिया का स्टार!

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नई दिल्ली॥ जैसा कि आप सभी को पता है कि टीम इंडिया में ऐसे बहुत से खिलाड़ी है जो गरीबी से निकलकर आज विश्व के अच्छे खिलाड़ी बन गए हैं। टीम इंडिया के खिलाड़ियों की कहानियां बहुत अधिक दिलचस्प और दुखद हैं कुछ खिलाड़ी ऐसे हैं जो बेहद गरीब परिवार से आते हैं और क्रिकेटर बनने के सपने को उन्होंने गरीबी में रहने के बावजूद भी पूरा किया था।

हम आप लोगों को जिस इंडियन प्लेयर्स के बारे में बताने वाले हैं उस भारतीय खिलाड़ी का नाम उमेश यादव उमेश यादव के पिता तिलक यादव कोयले की खान में काम करते थे। 19 साल की उम्र में गेंदबाज़ उमेश यादव ने क्रिकेट खेलना शुरू कर दिया था। उस समय गेंदबाज़ उमेश यादव घरेलू स्तर पर क्रिकेट खेलकर गेंदबाजी में धमाल मचा रहे थे। टीवी से निकलकर गेंदबाज़ उमेश यादव ने ये साबित कर दिया कि वह अपने सपने को पूरा करने के लिए कुछ भी कर सकते हैं।

गेंदबाज़ यादव आज टीम इंडिया के बेहतरीन गेंदबाजों में शामिल हो चुके हैं। उमेश यादव आज बीसीसीआई की बी ग्रेड श्रेणी के खिलाड़ी हैं और इन को सालाना 3 करोड़ की सैलरी मिलती है। उमेश यादव की गेंदबाजी के सामने मनीष पांडे और श्रेयस अय्यर की बल्लेबाजी भी फीकी पड़ जाती है। उमेश यादव और श्रेयस अय्यर बीसीसीआई की सी ग्रेड श्रेणी में शामिल हैं।

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