एडवांस टेक्नोलॉजी का उपयोग स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र में क्रांति ला रहा है। अब बहुत महंगा इलाज किफायती दरों पर संभव है। IIT कानपुर ने अब तक का सबसे सस्ता कृत्रिम हृदय भी बनाया है। फिलहाल आईआईटी कानपुर की लैब और हैदराबाद की एक कंपनी में एनिमल ट्रायल चल रहा है। यदि निष्कर्ष संतोषजनक रहे, तो अगले दो वर्षों में इस हृदय मशीन को मनुष्यों पर प्रत्यारोपित करना संभव होगा।
जानें कैसे करेगा काम
यह हृदय के एक हिस्से को दूसरे हिस्से से जोड़ता है। इससे पूरे शरीर में रक्त की आपूर्ति संभव हो सकेगी। इसका डिजाइन कंप्यूटर सिमुलेशन की मदद से तैयार किया जाता है। इस पंप के अंदर मौजूद टाइटेनियम को बिल्कुल ब्लड वेसल्स की तरह डिजाइन किया गया है। इंसानों द्वारा बनाया गया हृदय उन लोगों के लिए जीवन रक्षक हो सकता है जिनकी हृदय वाहिकाएं उचित दबाव पर रक्त पंप करने में असमर्थ होती हैं।
हॉर्ट को करना होगा चार्ज
मानव हृदय निरतंर शरीर के विद्युत क्षेत्र से ऊर्जा प्राप्त कर रहा है। लेकिन कृत्रिम हृदय को बाहर से ऊर्जा की आपूर्ति की जाएगी। इसके बाद हार्ट मशीन को शरीर में प्रत्यारोपित करने के बाद इसकी चार्जिंग के लिए इसमें से एक तार निकाल लिया जाएगा। चार्ज करते समय कम से कम शोर और गर्मी पैदा करने का ध्यान रखा जाएगा।
आपको बता दें कि मार्केट में फिलहाल उपलब्ध कृत्रिम दिल की कीमत कम से कम 25 लाख से एक करोड़ के बीच है। लेकिन आईआईटी कानपुर द्वारा विकसित हार्ट मशीन सिर्फ 10 लाख में मिलेगी।
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