नौकरी का झांसा देकर पंजाब से महिलाओं की ओमान में तस्करी, जानें महिलाओं को जाल में फंसाने वाला रैकेट कैसे करता है काम

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फिल्म 'द केरला स्टोरी' जहां इस समय भारत में तूफान मचा रही है, वहीं पंजाब से महिलाओं की मानव तस्करी को लेकर एक बड़ी खबर सामने आई है। मामले की जड़ तक जांच करने के लिए पंजाब पुलिस के ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन (बीओआई) विभाग द्वारा एक विशेष जांच दल का गठन किया गया है। इसके अध्यक्ष आईपीएस रणधीर कुमार हैं।

पंजाब से अवैध रूप से तस्करी कर लाई गई महिलाओं के मामलों की जांच की जाएगी। इसी दौरान समाचार चैनल ने खबर दी थी कि ओमान में एक ट्रैवल एजेंसी ने एक महिला को 80 हजार में बेचा है। इस महिला द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार होशियारपुर, जालंधर और अमृतसर में रहने वाली कई महिलाएं इसी तरह से ठगी कर खाड़ी देशों में दयनीय जीवन जी रही हैं.

महिलाओं की तस्करी कैसे होती है?

इन महिलाओं को खाड़ी देशों में उच्च वेतन वाली नौकरियों का लालच देकर पर्यटक वीजा पर खाड़ी देशों में ले जाया जाता है। यह भी कहा जा रहा है कि वहां जाने के बाद वीजा को दो साल के लिए बढ़ा दिया जाएगा। इस सारे काम के लिए महिलाओं से 50 से 70 हजार रुपये तक वसूले जाते हैं। ओमान की राजधानी मस्कट से कुछ दिनों पहले छुड़ाई गई महिलाओं में से कई पंजाब की हैं।

महिलाओं को घरेलू काम या केयरटेकर के रूप में अच्छी तनख्वाह वाली नौकरी का लालच देकर ओमान ले जाया जाता था। मस्कट पहुंचने पर, स्थानीय एजेंट महिलाओं से उनके पासपोर्ट और मोबाइल फोन जब्त कर लेते हैं। साथ ही कुछ अनुबंधों पर उनके द्वारा जबरन हस्ताक्षर किए जाते हैं। उसके बाद इन महिलाओं को 80 हजार से डेढ़ लाख तक में बेचा जाता है।

कैसे काम करता है यह रैकेट?

फर्जी ट्रैवल एजेंटों ने पंजाब, नई दिल्ली, मुंबई और कुछ साउथ के प्रदेशों में खाड़ी देशों में काम करने का नाटक करने वाली कंपनियों के कार्यालय स्थापित किए हैं। रैकेट को कुछ स्थानीय महिलाएं चलाती हैं जिन्हें खाड़ी देशों में काम करने का अनुभव है और अब वे भारत लौट आई हैं। यह महिला या पुरुष मध्यस्थ की भूमिका निभाते हैं। ये लोग गरीब और जरूरतमंद महिलाओं की जासूसी करते हैं और उन्हें खाड़ी देशों में अच्छी तनख्वाह वाली नौकरी का झांसा देकर ट्रैवल एजेंटों के पास लाते हैं। फिलहाल, इस मामले की तय तक जाने के लिए एक टीम भी बनाई गई गई है। 

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