नई दिल्ली॥ आप सभी का “क्रिकेट वाला” में, टीम इंडिया और वेस्टइंडीज के बीच T20 श्रृंखला खत्म हो गई है। इसके बाद आज से 3 एकदिवसीय मैचों की श्रंखला कल से शुरू हो गई थी। इस एक दिवसीय दिवसीय श्रंखला का पहला मैच कल चेन्नई में खेला गया था, जिसमें वेस्टइंडीज ने टॉस जीतकर पहले गेंदबाजी करने का फैसला किया।
टीम इंडिया ने पहले बल्लेबाजी करते करते हुए 287 रन बनाए। जवाब में उतरी वेस्टइंडीज की टीम ने 288 रनों का लक्ष्य 47.5 ओवर में ही हासिल कर लिया। लेकिन इस मैच के दौरान मैदान पर एक ऐसी घटना हो गई जो क्रिकेट इतिहास में कभी नहीं हुई। भारतीय पारी का 48वां ओवर चल रहा था और रविंद्र जडेजा बल्लेबाजी कर रहे थे। रविंद्र जडेजा एक रन ले रहे थे तब नॉन स्ट्राइक एंड पर सीधा थ्रो विकेटों पर आकर लगा। उसी समय रोस्टन चेस ने अपील रन आउट की अपील की, लेकिन अंपायरों ने इस अपील को नजर अंदाज कर दिया और मैच वापस शुरू हो गया।
इसके बाद वेस्टइंडीज के कप्तान कायरन पोलार्ड एंपायर के पास आए और एंपायर से कुछ कहा जिससे ऑन फील्ड एंपायर ने तीसरे एंपायर का इशारा कर दिया। हालांकि थर्ड एंपायर द्वारा रविंद्र जडेजा को रन आउट करार दिया गया, लेकिन एंपायर के दिए गए निर्णय के बाद दूसरे खिलाड़ी या कप्तान द्वारा एंपायर पर दबाव डालने से आज तक कभी भी एंपायर का निर्णय नहीं बदला गया। लेकिन इस मैच में किरण पोलार्ड ने एंपायर पर दबाव डाला जिसकी वजह से एंपायर ने अपने निर्णय को बदल दिया।
इस बात पर विराट कोहली को बहुत गुस्सा आया। मैच समाप्ति के बाद विराट कोहली ने भी कहा कि मैंने आज तक ऐसा कभी नहीं देखा कि अंपायरों ने किसी खिलाड़ी के दबाव में आकर अपना खुद का ही निर्णय बदल दिया हो। क्योंकि एक बार निर्णय देने के बाद मैच वापस शुरू हो गया था और किसी दूसरे खिलाड़ी के दबाव में आकर निर्णय बदलना क्रिकेट के लिए अच्छी बात नहीं है।
पड़िए-वेस्टइंडीज के कप्तान ने कहा- इस खिलाड़ी के सामने ज्यादा गलतियां नहीं की जा सकती है !
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