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आईएमएफ, सऊदी अरब और चीन ने भी पाकिस्तान की सहायता की पेशकश को खारिज कर दिया है। पाकिस्तान आतंकवाद को बढ़ावा देकर बर्बाद हो गया है। आज वहां के लोग खाने के भूखे हैं। वहीं, रूस की ओर से सहायता के लिए भेजा गया हजारों टन गेहूं भी इन पाकिस्तानियों ने हड़प लिया है। अब जांच शुरू कर दी गई है कि यह गेहूं कहां गया और 67 अफसरों को निलंबित कर दिया गया है।

रूस गेहूँ का प्रमुख उत्पादक देश है। यूक्रेन पर हमले के बाद से रूस गंभीर प्रतिबंधों के अधीन है। इसके चलते कोई भी देश रूस से गेहूं नहीं खरीद रहा है। यह बचा हुआ गेहूं है जो रूस ने पाकिस्तान को दिया था। पाकिस्तान को भी इसकी जरूरत थी। जिस दिन रूस ने यूक्रेन पर हमला किया उसी दिन पाकिस्तान के तत्कालीन पीएम इमरान खान सहायता के लिए रूस पहुंचे। इसके बाद रूस ने सहायता करनी शुरू की।

अब पाकिस्तान में जरूरतमंदों तक 40 हजार टन रूसी गेहूं नहीं पहुंचा तो चोरी हो गया है। इससे पाकिस्तानी सरकार हिल गई है, जो अब तक आतंकियों पर अरबों का खजाना, विदेशी सहायता भारत के विरूद्ध खर्च कर चुकी है। सरकार ने आनन-फानन में 67 अफसरों को निलंबित कर कारण बताओ नोटिस जारी किया है। इन अफसरों से जवाब मांगा गया है कि किसकी चेतावनी पर इतना गेहूं चोरी हुआ।

सिंध प्रांत के 10 जिलों में स्थित सरकारी गोदामों से करीब 40,392 टन गेहूं की चोरी हुई है। रूस ने इस महीने की शुरुआत में पाकिस्तान को 50,000 टन गेहूं की आपूर्ति की थी। पाकिस्तान में खाने की कमी को लेकर लोग विरोध कर रहे हैं, कई लोग भूखे मर रहे हैं। उस समय सरकारी कर्मचारियों द्वारा गेहूं की चोरी किए जाने से हड़कंप मच गया है।

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