हरिद्वार। इस साल के मानसूनी सीजन में पहाड़ों पर लगातार हो रही बारिश के की वजह से गंगा का जलस्तर (Ganga water level) खतरे के निशान पर पहुंचने लगा है। ऐसे में प्रशासन ने भी अलर्ट जारी कर दिया है। गंगा का जल स्तर बढ़ने से आसपास के निचले गांवों के किसानों के खेतों में पानी भी भरने लगा है। उधर, एक अगस्त से दो दिन के लिए कई गांवों में भारी बारिश के अलर्ट से जारी होने से जनपद के बाढ़ संभावित 97 गांवों के लोग दहशत में हैं। किसानों को अब अपनी फसलों की चिंता सता रही है।
जलस्तर (Ganga water level) में तेजी से इजाफा
बता दें कि धर्मनगरी हरिद्वार से निकलकर विभिन्न गांवों से होकर गुजरने वाली गंगा जीवनदायिनी होने के साथ ही बारिश के सीजन में रौद्र रूप भी धारण कर लेती है। हालांकि सामान्य दिनों में गंगा का जल स्तर 290 मीटर के आसपास रहता है लेकिन पहाड़ों पर होने वाली बरसात के बाद गंगा के जलस्तर (Ganga water level) में तेजी से इजाफा हो रहा है। यही कारण है कि पिछले कई दिन से पहाड़ों पर बरसात होने की वजह से जलस्तर बढ़ने लगा है।
रविवार को दोपहर में गंगा का जलस्तर चेतावनी रेखा के 293 मीटर पर पहुंच गया। इससे भोगपुर क्षेत्र के कई गांवों में किसानों के खेतों में खड़ी फसलों में पानी भर गया। सोमवार को भी गंगा का जलस्तर 292.50 मीटर पर ही बना हुआ है। वहीं गंगा का वार्निंग लेवल 293 मीटर है और डेंजर लेवल 294 मीटर है। गंगा का जलस्तर (Ganga water level) खतरे के निशान पर पहुंचने से प्रशासन भी अलर्ट मोड़ पर आ गया है।
प्रशासन ने बाढ़ राहत चौकियां और अन्य कर्मचारियों को 24 घंटे के लिए सतर्क रहने का निर्देश दे दिया है । उधर, जनपद के गंगा और उसकी सहायक नदियों के तटीय इलाकों पर बसे 97 गांवों के ग्रामीणों की भी चिंता बढ़ गई है उन्हें अपनी फसलों की चिंता सताने लगी है। (Ganga water level)
शहर का ड्रेनेज सिस्टम फेल, बढ़ेेगी लोगों की परेशानी
गंगा का जलस्तर (Ganga water level) बढ़ने के साथ ही दो दिन की बारिश से शहर के लोगों की मुश्किलें भी बढ़ सकती हैं। बारिश के कारण शहर जलमग्न हो जाता है। इससे शहर के लोगों को भारी जलभराव का सामना करना पड़ता है। शहर का ड्रेनेज सिस्टम फेल होने से दो दिन की भारी बरसात से शहर के लोगों की परेशानी और अधिक बढ़ सकती है।
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