बुलंदशहर ॥ पश्चिमी उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर में यौन अपराधों से बच्चों का विशेष संरक्षण अधिनियम (POCSO), 2012 की एक अदालत ने गुरुवार को एक नाबालिग दलित लड़की से बलात्कार और हत्या के दोषी पाए गए एक व्यक्ति को मौत की सजा सुनाई। जिले के अनूपशहर इलाके के एक गांव में अपराध को अंजाम देने के 140 दिन बाद ये फैसला आया है।
अतिरिक्त जिला सरकारी वकील सुशील कुमार शर्मा ने कहा कि दोषी हरेंद्र पर 1.20 रुपए लाख का जुर्माना भी लगाया गया, जिसे आईपीसी की धारा 302, 376 और 201 और POCSO अधिनियम की 5m/6 के अंतर्गत अपराधी पाया गया।
इलाके में दहशत पैदा कर देने वाली घटना 25 फरवरी को हुई, जब आठ वर्षीय बच्ची अपनी मां और बहन के साथ घास काटने के लिए खेत में गई थी। खाना खाने के बाद वह पानी की तलाश में निकली लेकिन वापस नहीं आई। परिवार के आग्रह पर 28 फरवरी को प्राथमिकी दर्ज की गई थी।
आरोपी ने कहा, उसने स्वीकार किया कि उसने नशे में लड़की के साथ बलात्कार किया था, और पकड़े जाने के डर से, उसका गला घोंट दिया और शव को शौचालय के बगल में आंगन में दफन कर दिया। मामले में पुलिस ने बताया कि पुलिस को पीड़िता का शव हरेंद्र के घर के आंगन में मिला। उसे 3 मार्च को शिमला में अरेस्ट किया गया था।