वाराणसी, 24 सितम्बर। हरी साग सब्जियों (green vegetable) में गुणकारी सहजन (Seepage) में कुपोषण से लड़ने की क्षमता है। सहजन के पौधे की पत्तियों, टहनियां, तना, जड़ और गोंद सभी उपयोगी है। गर्भवती महिलाओं और कुपोषित बच्चों को सहजन की सब्जी, सूप के प्रयोग से स्वास्थ्य बेहतर होता है।
सहजन में दही से भी दोगुना अधिक प्रोटीन, गाजर से भी चार गुना अधिक विटामिन ए, दूध से भी चार गुना अधिक कैल्शियम, संतरा से भी सात गुना अधिक विटामिन सी, शून्य प्रतिशत कोलेस्ट्रोल होता है ।
जिला कार्यक्रम अधिकारी (डीपीओ) इफ्तेखार अहमद ने गुरुवार को बताया कि ग्रामीण क्षेत्र में पाया जाने वाला सहजन कुपोषण से जंग लड़ने में सक्षम है। इसे अलग-अलग नामों से जाना जाता है, मुनगा और ड्रम स्टिक नाम से भी जाना जाता है।
सहजन की पत्तियों में काफी मात्रा में विटामिन, कैल्शियम और फास्फोरस पाया जाता है। यह स्थानीय स्तर पर आसानी से लग जाती है, इसी के साथ पपीता और अनार भी आसानी से लग जाता है।