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Hathras victims: 2 जुलाई को हाथरस में भोले बाबा के सत्संग के दौरान हुई भगदड़ में 121 लोगों की जान चली गई थी। तब से लेकर आज तक बाबा एक बार भी सामने नहीं आये। इस बीच भोले बाबा के वकील एके सिंह ने 'आज तक' पर दावा किया है कि बाबा कहीं छिपे नहीं हैं। इस घटना से बाबा काफी आहत हैं। इसके बाद दावा किया गया कि भोले बाबा की ओर से पीड़ितों को हरसंभव मदद दी जाएगी।

भोले बाबा के इन दावों की पड़ताल के लिए मीडिया की टीम ने हाथरस, एटा, जलेसर में अपनों को खोने वाले शोक संतप्त परिवारों के घर का दौरा किया। भोले बाबा ने यह जानने की कोशिश की कि लोगों की मदद करने के तमाम दावों में कितनी सच्चाई है। क्या पिताजी को उनके घर पर कोई मदद मिली? क्या बाबा की समिति ने उनसे संपर्क भी किया? इन सभी प्रकारों के बारे में लोगों ने जानकारी दी है।

टीम सबसे पहले एटा में उस परिवार से मिलने पहुंची, जिसने हाथरस कांड में 65 साल की चंद्रप्रभा को खो दिया था। इधर राम दास ने कहा कि भोले बाबा की तरफ से कोई मदद नहीं मिली, लेकिन आज के बाद वह बाबा के किसी भी सत्संग में नहीं जाएंगे और उनकी बात भी नहीं मानेंगे।

टीम जलेसर निवासी राजकुमार के घर पहुंची। राजकुमार मजदूरी करता है और बाबा की पूजा भी करता है। वह अपनी पत्नी और 17 साल की बेटी खुशबू के साथ सत्संग में आए थे। लेकिन सत्संग में मची भगदड़ में बच्ची का शव मिला। उसके बाद आज तक बाबा से कोई मदद या आश्वासन नहीं मिला। सरकार की ओर से 2 लाख रुपये की मदद मिल रही है।

एक परिवार का भी रो-रोकर बुरा हाल है। यहां एक ही घर की दो लड़कियां बाबा के सत्संग में गई थीं, लेकिन फिर कभी वापस नहीं लौटीं। लड़कियों के नाम मीरा और सुधा थे। मीडिया से बात करते हुए उनकी मां ने कहा कि पिता की तरफ से कोई मदद नहीं मिली, मेरी दोनों बेटियां चली गईं। सरकार की तरफ से मदद तो आई, लेकिन बाबा की तरफ से कोई नहीं आया।

हाथरस में बाबा को भगवान मानने वाले भक्त अपनों को खोने के बाद अब बाबा को ढोंगी बता रहे हैं। जिन लोगों की मौत हुई है उनके परिवार की हालत बहुत खराब है। एक व्यक्ति ने कहा, "दस दिन हो गए, न तो बाबा आए और न ही उनका कोई। बाबा एक ढोंगी है। बाबा कोई चमत्कार नहीं करते।" 

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