जब तक शरीर स्वस्थ (Health Tips) रहता है तब तक हम हर बात से बेखबर रहते हैं और गलती पर गलती करते हैं लेकिन कई बार हमारी यही गलती हमारे लिए मुसीबत बन जाती है। प्रकृति ने हमारे शरीर की संरचना इस तरह से की है कि प्राकृतिक लय में थोड़ी सी लापरवाही शरीर को नुकसान पहुंचा सकती है। समस्या कई बार ऐसे कुछ कारणों से भी होते हैं जिन्हे हम थोड़ा प्रयास करके टाल सकते हैं। हर्निया ऐसी ही एक समस्या है।
हर्निया का इलाज (Health Tips) आजकल बेहद आसान हो गया है और हर जगह हो भी जाता है लेकिन अगर कुछ बातों का ध्यान रखा जाए तो हर्निया जैसी बीमारी से आसानी से बचा जा सकता है। इनमें से कुछ उपाय तो इतने आसान हैं कि उनका पालन आसनी से किया जा सकता है। आइए जानते है हर्निया कैसे होती है और इससे कैसे बचा जा सकता है।
हर्निया की समस्या उस वक्त होने लगती है जब पेट में मौजूद टिशू (ऊतक) या आंत का कोई हिस्सा कमजोर हो चुकी मांसपेशियों की परत को धकेल कर आगे आ जाता है। आमतौर पर इस स्थिति में आंत, पेट की अंदरूनी दीवार को धकेल कर बाहर की तरफ कर देती है। इसे एक्सटर्नल हर्निया कहते हैं। हर्निया कई प्रकार से आकार ले सकती है। आई में इसे लेकर बरती जाने वाली सावधानियां भी अलग-अलग होती हैं। जन्म से ही पेट की मांसपेशियों का कमजोर होना या पेट की किसी सर्जरी के बाद हर्निया हो जाना अलग बात है लेकिन कुछ तरीके (Health Tips) ऐसे होते हैं जिन्हे अपनाकर हर्निया जैसे तकलीफदेह बीमारी से बचा जा सकता है।
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