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आपकी बालकनी या फिर गार्डन में सदाबहार का पौधा न सिर्फ घर की खूबसूरती बढ़ाता है बल्कि आपको डायबिटीज और हाई ब्लड प्रेशर जैसे कई गंभीर रोगों से भी बचाता है। पांच पंखुड़ियों वाला यह फूल सफेद, गुलाबी, फालसाई, जामुनी आदि रंगों में खिलता है। इस पौधे को अंग्रेजी में विंका के नाम से जाना जाता है। आइये जानते हैं कौन-कौन से रोगों को दूर करने में सहायक होता है ये पौधा।

डायबिटीज करता है दूर

सदाबहार के पौधे की जड़ों में रक्त शर्करा को कम करने के गुण मौजूद होते हैं । ये पैंक्रियास की बीटा सेल्स को शक्ति प्रदान करता है, जिससे पैंक्रियास सही मात्रा से इन्सुलिन पैदा करता है। इन्सुलिन वहीं हॉर्मोन है जो ब्लड में शुगर की मात्र को बैलेंस करता है।

हाई ब्लड प्रेशर

सदाबहार की जड़ में अजमलिसिन और सर्पटाइन नामक क्षाराभ भी पाया आता है जो कि एंटी अतिसंवेदनशील होते हैं। ये गुण उच्च रक्तचाप के लिए बेहद फायदेमंद माने जाते हैं। एक्सपर्ट्स कहते हैं कि इसकी जड़ को साफ करके सुबह चबाकर के खाने से हाई ब्लड प्रेशर से राहत मिलती है।

पेट के लिए फायदेमंद

सदाबहार की जड़ का इस्तेमाल पेट की सेहत को दुरुस्त रखने के लिए भी किया जाता है। आयुर्वेद के जानकार बताते हैं कि जिन लोगों को कब्ज रहता है या फिर पेट के अन्य रोग परेशान करते हैं, उनके लिए भी यह पौधा बेहद फायदेमंद होता है।

मुंह व नाक से खून निकलना

विकां का उल्लेख ब्रिटेन औषधीय शास्त्र में सातवीं शताब्दी में भी मिलता है। कल्पचर नामक एक ब्रिटिश औषधी विशेषज्ञ ने मुंह और नाक से खून निकलने पर इसका इस्तेमाल करने की सलाह दी थी। लॉर्ड बेकन ने भी अंगों की जकड़न में इसका प्रयोग को लाभदायक बताया। जैसे स्कर्वी, अतिसार, गले में दर्द, टांसिल्स में सूजन, रक्तस्नव आदि में भी यह पौधा बेहद लाभदायक माना जाता है।

डिप्थीरिया रोग में फायदेमंद

सदाबहार की पत्तियों में पाया जाने वाला विण्डोलीन नामक क्षार डिप्‍थीरिया के जीवाणु कारिनेबैक्टिीरियम डिप्थेरी के खिलाफ सक्रिय होता है। यही वजह है कि इसकी पत्तियों के सत्व का उपयोग डिप्थिीरिया रोग के इलाज के लिए भी किया जा सकता है।

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