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Hindu faith: हिंदू धर्म में अंतिम संस्कार एक अहम कर्मकांड होता है, जिसमें शरीर को आग के हवाले किया जाता है। शरीर का अधिकांश हिस्सा दो से तीन घंटे में जलकर राख हो जाता है, लेकिन एक अंग ऐसा है जो पूरी तरह से नहीं जलता वो है दांत।

इसका कारण ये है कि दांतों में कैल्शियम फॉस्फेट पाया जाता है, जो आग में नहीं जलता। वैज्ञानिक दृष्टिकोण से दांतों के ऊतक जल जाते हैं, लेकिन खुद दांत 1292°F (700°C से ज्यादा) तापमान पर भी पूरी तरह नष्ट नहीं होते। इसके बाद जो हड्डियां बचती हैं, उन्हें धार्मिक रीति-रिवाजों से गंगा नदी में प्रवाहित किया जाता है।

अंतिम संस्कार में इंसानी बदन को जलने में करीबन ढाई से तीन घंटे का वक्त लगता है. मानव का पूरी बॉडी जलने के बाद भी शरीर का एक अंग बच जाता है, जो पूरी तरह नहीं जल पाता है. इसके साथ साथ कुछ हड्डियां भी पूरी तरह नहीं जल पाती हैं. जिन्हें बाद में हिन्दू धर्म के रीति-रिवाजों से गंगा जी में प्रवाहित कर दिया जाता है।

बता दें कि दो-तीन घंटे तक बदन को जलाने के बाद शरीर में केवल दांत बचते हैं. जिसका मेन वजह कैल्शियम फॉस्फेट होता है।
 

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